Dehradun: राज्य वन्यजीव बोर्ड का पुनर्गठन, तीन गैर सरकारी संगठनों और सात गैर सरकारी सदस्य दो साल के लिए नामित

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मीटिंग ( प्रतीकात्मक)

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– फोटो : अमर उजाला

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राज्य वन्यजीव बोर्ड का पुनर्गठन कर दिया गया है। इनमें तीन गैर सरकारी संगठनों और सात गैर सरकारी सदस्यों को दो साल के लिए नामित किया गया है। इस संबंध में शासन की ओर से निर्देश जारी कर दिए गए हैं। वन विभाग की ओर से अक्तूबर में नए सदस्यों का शामिल करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था।

सचिव, वन विजय यादव की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत राज्य वन्यजीव बोर्ड का पुनर्गठन किया गया है। अधिनियम में दी गई व्यवस्था के तहत दो वर्ष के लिए सदस्यों को नामित किए जाने की राज्यपाल की ओर से स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।

बताते चलें कि राज्य वन्यजीव बोर्ड के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होते हैं, जबकि उपाध्यक्ष वन मंत्री होते हैं। इसके अलावा राज्य के पुलिस महानिदेशक सहित कुल 15 पदेन सदस्य और 16 सदस्य राज्य सरकार की ओर से नामित किए जाते हैं। इसके अलावा तीन विधानमंडल दल के सदस्य, तीन गैर सरकारी संगठनों के सदस्य और सात सदस्य परिस्थितिकी विज्ञानी, पर्यावरणविद एवं संरक्षण विज्ञानी नामित किए जाते हैं।

ये गैर सरकारी संस्थाएं शामिल

  • डब्ल्यूडब्लयूएफ इंडिया, विश्व प्रकृति निधि, भारत
  •  हिमालयन एनवायरमेंट स्टडीज एंड कंजरवेशन ऑगेजाइजेशन (हेस्को) देहरादून
  • हिमालय एक्सन रिसर्च सेंटर, देहरादून
  • अनूप शाह, नैनीताल (जाने-माने फोटोग्राफर)
  • अनिल कुमार दत्त (सेवानिवृत्त आईएफएस) 
  • बीएस बोनाल (सेवानिवृत्त अपर महानिदेशक, वन्यजीव)
  • फैज आफताब, देहरादून
  • मंयक तिवारी, नैनीताल
  • संजय सोंधी, तितली ट्रस्ट, देहरादून
  • ओम प्रकाश भट्ट, सर्वोदय केंद्र चमोली

विस्तार

राज्य वन्यजीव बोर्ड का पुनर्गठन कर दिया गया है। इनमें तीन गैर सरकारी संगठनों और सात गैर सरकारी सदस्यों को दो साल के लिए नामित किया गया है। इस संबंध में शासन की ओर से निर्देश जारी कर दिए गए हैं। वन विभाग की ओर से अक्तूबर में नए सदस्यों का शामिल करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था।

सचिव, वन विजय यादव की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत राज्य वन्यजीव बोर्ड का पुनर्गठन किया गया है। अधिनियम में दी गई व्यवस्था के तहत दो वर्ष के लिए सदस्यों को नामित किए जाने की राज्यपाल की ओर से स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।

बताते चलें कि राज्य वन्यजीव बोर्ड के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होते हैं, जबकि उपाध्यक्ष वन मंत्री होते हैं। इसके अलावा राज्य के पुलिस महानिदेशक सहित कुल 15 पदेन सदस्य और 16 सदस्य राज्य सरकार की ओर से नामित किए जाते हैं। इसके अलावा तीन विधानमंडल दल के सदस्य, तीन गैर सरकारी संगठनों के सदस्य और सात सदस्य परिस्थितिकी विज्ञानी, पर्यावरणविद एवं संरक्षण विज्ञानी नामित किए जाते हैं।



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