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सांकेतिक तस्वीर।
– फोटो : अमर उजाला
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रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी पूरी तरह से सक्रिय हो चुकी है। ईडी ने दो दिन पहले कोर्ट से अधिवक्ता विरमानी और उसके साथियों के खिलाफ दाखिल चार्जशीट की कॉपी हासिल की है। इससे पहले एफआईआर और संबंधित दस्तावेज भी ईडी ने जुटाए थे। अब बताया जा रहा है कि जल्द ही ईडी भी इस मामले में मुकदमा दर्ज कर सकती है।
गत 15 जुलाई को रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में पहला मुकदमा कोतवाली शहर में दर्ज हुआ था। इस मुकदमे की जांच एसआईटी को सौंपी गई। एक के बाद एक इस मामले में कुल नौ मुकदमे दर्ज हुए। एसआईटी ने जांच करते हुए इस पूरे प्रकरण में अब तक तीन अधिवक्ताओं समेत 18 लोगों को गिरफ्तार किया है। जबकि, तीन अन्य नामजद हैं।
संपत्तियों की जांच में जुटी ईडी
पिछले दिनों मुख्य आरोपी बताए जा रहे केपी सिंह की सहारनपुर में मौत हो चुकी है। एसआईटी ने कुल 21 आरोपियों के खिलाफ दो अलग-अलग मुकदमों में चार्जशीट सीजेएम कोर्ट में दाखिल की। सूत्रों के अनुसार अब ईडी ने इस मामले में अधिवक्ता कमल विरमानी और उसके साथियों के खिलाफ दाखिल हुई चार्जशीट की कॉपी कोर्ट से जुटाई है। ईडी भी अब इनकी संपत्तियों की जांच में जुट गई है।
बताया जा रहा है कि ईडी अगले सप्ताह तक इस पूरे प्रकरण को लेकर एक मुकदमा दर्ज कर सकती है। इससे मनी लॉन्ड्रिंग में भी आरोपियों की जांच शुरू हो जाएगी। हालांकि, पुलिस भी आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर में कार्रवाई की तैयारी कर रही है।
इससे पुलिस और प्रशासन भी इन आरोपियों की संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू करेगी। हालांकि, अब देखने वाली बात यह है कि ईडी के चंगुल में इनमें से कौन-कौन लोग फंसते हैं। अधिवक्ता देवराज तिवारी को छोड़कर अभी तक सभी गिरफ्तार आरोपी जेल में बंद हैं। देवराज तिवारी को बेटी के कन्यादान के लिए हाईकोर्ट से 20 की शॉर्ट टर्म जमानत मिली थी।
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