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                        एएसआई श्रीकांत, हवलदार योगेश कुमार और हवलदार विनोद कुमार
                                    – फोटो : अमर उजाला 
                    
विस्तार
दिल्ली पुलिस के किशनगढ़ थाने में तैनात तीन जवानों ने जान की परवाह किए बिना दिलेरी का परिचय दिया है। आतंकवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित रामबन इलाके में जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ अन्य एजेंसियों के जवान बख्तरबंद वाहनों व आधुनिक हथियार लेकर जाते हैं, लेकिन दिल्ली पुलिस के तीन जवान सिर्फ पिस्टल लेकर दुष्कर्म के आरोपी इंजीनियर राकेश मल्होत्रा को बुधवार रात गिरफ्तार कर दिल्ली ले आए। पुलिसकर्मियों की बहादुरी की महकमे में भी खूब सराहना हो रही है। दक्षिण-पश्चिमी जिला पुलिस की ओर से तीनों को इनाम देने की बात कही जा रही है।
दिल्ली पुलिस मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राजपुरा, जम्मू निवासी राकेश मल्होत्रा (32) रामबन में पुल का निर्माण करा रही सत्यवीर गुप्ता नाम की कंपनी में सिविल इंजीनियर का काम देख रहा था। उसकी छह महीने पहले ही शादी हुई है। करीब एक से डेढ़ वर्ष पहले क्रेडिट कार्ड लेने के दौरान 40 साल की महिला से उसकी बातचीत हुई थी।
दिल्ली के कटवारिया सराय निवासी महिला के दो बच्चे हैं। पति से तलाक का केस चल रहा है। बातचीत के दौरान जल्द ही दोनों की दोस्ती हो गई। दोनों ने मिलना जुलना शुरू कर दिया। महिला का आरोप है कि राकेश ने उसे शादी करने का झांसा दिया था। महिला ने किशनगढ़ थाने में 19 अप्रैल एफआईआर दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि राकेश उससे मिलने दिल्ली आया और पेयजल में नशीला पदार्थ पिलाकर दुष्कर्म किया। इसी बीच राकेश ने शादी कर ली।
ऐसे पकड़ा गया आरोपी
मामला दर्ज कर किशनगढ़ थाने में तैनात एएसआई श्रीकांत, हवलदार विनोद कुमार व हवलदार योगेश कुमार की टीम राकेश की तलाश कर रही थी। टीम ने जब आरोपी का मोबाइल सर्विलांस पर लगाया तो उसकी लोकेशन तंगेर वैली, रामबन की मिली। ये इलाका कई दशकों से आतंकवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है। तीनों पुलिसकर्मी सीनियर अफसरों से अनुमति लेकर रामबन पहुंच गए। किशनगढ़ थानाध्यक्ष शंभूनाथ फोन से टीम की हर पल की जानकारी लेते रहे। तीनों पुलिसकर्मियों के पास एक-एक पिस्टल थी। तीनों रामबन में स्थानीय थाना पुलिस धर्म कुंडा थाने में 24 अप्रैल को पहुंचे और सहायता मांगी। पुलिसकर्मी ग्रामीण बनकर मौके पर गए। उन्होंने आरोपी को बताया कि उसे कुछ जांच के लिए स्थानीय थाने में जाना है। इसके बाद तीनों राकेश को दिल्ली ले आए।
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