Delhi : एलजी ने किया दिल्ली पुलिस के उपायुक्तों को संबोधित, कमियां बताकर दिये गश्त बढ़ाने के सख्त निर्देश

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एलजी की मीटिंग...

एलजी की मीटिंग…
– फोटो : अमर उजाला

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उपराज्पाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली में पुख्ता सुरक्षा और कानून व्यवस्था बहाल रखने में अहम भूमिका निभाने वाले दिल्ली पुलिस के उपायुक्तों को संबोधित किया। इस मौके पर एलजी ने कंझावला कांड को बेहद गंभीरता से लेते हुए डीसीपी और थानाध्यक्षों को इलाकों में गश्त बढ़ाने के सख्त निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने और अत्याधुनिक तकनीकों पर निर्भरता के साथ साथ पुलिस की परंपरागत कार्यशैली पर चलना बेहद जरूरी है। जी-20 शिखर सम्मेलन के आयोजन में पुलिस की भूमिका बेहद अहम है। इसके लिए सभी स्तर पर सुरक्षा इंतजामों को पुख्ता बनाने के लिए जरूरी उपायों को अपनाने के निर्देश दिए। इस मौके पर पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा, विशेष आयुक्तों समेत सभी जिलों के पुलिस उपायुक्त मौजूद थे।

एलजी ने कहा कि मुझे आपको संबोधित करते हुए बेहद खुशी हो रही है। जिलों के प्रभारी डीसीपी सार्वजनिक व्यवस्था और कानून व्यवस्था

सुनिश्चित करने में अग्रणी हैं। दुनिया के सबसे बड़े महानगरीय पुलिस बलों में से एक दिल्ली पुलिस पर ढाई करोड़ निवासियों की सुरक्षा की जिम्मेवारी हैं। कानून व्यवस्था बनाए रखने, अपराध पर अंकुश लगाने, नशीली दवाओं की तस्करी से निपटना, ट्रैफिक प्रबंधन और लोगों को सुरक्षा प्रदान करने में पुलिस की अहम भूमिका है। 

प्रौद्योगिकी के साथ साथ अपराध के तरीके से भी बदलाव आया है। इससे समाज में कानून लागू करने और सरकार की अपेक्षाओं भी बढ़ी है। नागरिकों की सुरक्षा के लिहाज से पुलिस को अपराधियों से एक कदम आगे रहने की जरूरत है। सरलता और नवीनता से पुलिस के लिए मार्गदर्शक मंत्र ही अपराध के खिलाफ अधिक प्रभावी है। इसके लिए पुलिस को पूरे साल, सप्ताह भर 24 घंटे सड़क पर मौजूद रहने और दिखने की जरूरत है। हाल ही में कंझावला में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना से ये बातें सामने आई और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

डेटा और तकनीक पुलिस के काम की प्रकृति को ही बदल रही है। इस बदलाव को खतरे के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। तकनीकी जानकारों की मदद से पुलिस को अपराधियों पर शिकंजा कसने में किया जाना चाहिए। लैंगिक संवेदनशीलता एक अहम पहलू है। इसके लिए सार्वजनिक परिवहन में पैनिक बटन, सभी पुलिस थानों में महिलाओं के लिए अलग टॉयलेट, महिला डेस्क होने चाहिए।

चौकी या पुलिस बीट पर पहुंचने वालों की देखभाल के लिए शिकायतों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। कई बार पुलिस के बारे में शिकायतें मिलती है कि जांच नहीं हो रही, दूसरे पक्ष से मिली हुई है के आरोप लगते हैं, इसे दूर करने के लिए कदम उठाना जरूरी है।

हिंसक अपराध के मामले में दिल्ली में देश में तीसरे स्थान पर

नेशनल क्राइम रिकॉड ब्यूरो के आंकड़ों से पता चलता है कि प्रति लाख आबादी पर हिंसक अपराध के मामलों के मामले में दिल्ली तीसरे स्थान पर है। महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में यह पूरे देश में दूसरे स्थान पर है। दिल्ली में करीब 81,000 पुलिस बल है। हाल ही में एक लड़की की हत्या कर उसके शव के टुकड़े कर फेंकने का खुलासा कई महीने बाद हुआ। नए साल की पूर्व संध्या पर कंझावला में हुई घटना के बाद पुलिस गश्त और चेक पॉइंट को और सुदृढ़ करने की जरूरत है।

कहा- एफआईआर में देरी नहीं होनी चाहिए

एएसआई शंभू दयाल मीणा की मौत, शाम के व्यस्त समय के दौरान एक ट्रैफिक चौराहे पर चेन स्नैचिंग और खुली फायरिंग की घटना को रोकने के दौरान 2 निर्दोष लोगों की मौत के मामले में पुलिस की कमियां सामने आई हैं, इसकी जांच जरूरी है। एलजी ने कहा कि गंभीर घटनाओं पर और अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। जब भी मीडिया के साथ बातचीत करें तो पीड़ितों और परिवारों के लिए संवेदनशीलता का ध्यान रखना जरूरी है। आपराधिक मामलों की जांच एक पहलू है। अपराध के मामलों में एफआईआर दर्ज करने में देरी नहीं हो इसका खास ध्यान रखना चाहिए। उपराज्यपाल ने खुशी जताते हुए कहा कि तकनीक के मामले में पुलिस लगातार आगे बढ़ रही है।

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