Delhi : कोलंबिया यूनिवर्सिटी की तरह दिखाई देगा सरकारी स्कूल, सीएम केजरावील ने रखी आधारशिला

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Delhi : government school will look like columbia university

अरविंद केजरीवाल
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

दिल्ली सरकार पूर्वी दिल्ली के विनोद नगर स्थित राजकीय सर्वोदय कन्या बाल विद्यालय स्कूल की ऐसी इमारत बनाने जा रही है जो अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी की तरह दिखाई देगी। शनिवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्कूल की नई इमारत की आधारशिला रखी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इमारत कोलंबिया यूनिवर्सिटी जैसी होगी। पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने इसकी योजना बनाई थी।सिसोदिया की ओर से शुरू की गई शिक्षा क्रांति को हम मिशन मोड में यू हीं जारी रखेंगे। उन्होंने स्कूलों को शानदार बनाया तो उन्हें जेल में डाल दिया गया। 

उम्मीद है कि एक दिन सिसोदिया इस स्कूल का शुभारंभ करेंगे। केजरीवाल ने कहा कि हमें बच्चों की शिक्षा पर जितने पैसे खर्च करने  पड़ेंगे करेंगे। इन्हीं बच्चों में से कोई भविष्य में देश का प्रधानमंत्री बनेगा। हम नहीं चाहते कि भविष्य में कोई अनपढ़ व्यक्ति देश का प्रधानमंत्री बने। इस स्कूल में 93 अतिरिक्त कमरे बनाए जाएंगे, जिसके बाद स्कूल की क्षमता दोगुनी की जाएगी। 93 कमरों में से 71 में कक्षाएं चलेंगी और 22 कमरे लैब, लाइब्रेरी, एक्टिविटी, प्रिंसिपल ऑफिस और स्टाफ के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे। इस अवसर पर विधायक कुलदीप कुमार व रोहित मेहरौलिया, स्थानीय पार्षद, शिक्षा सचिव, क्षेत्रीय शिक्षा निदेशक और छात्रों के साथ बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे।

नहीं चाहते भविष्य में कोई अनपढ़ व्यक्ति देश का पीएम बने

केजरीवाल ने कहा कि हम बच्चों को अच्छी शिक्षा देंगे। हम नहीं चाहते कि भविष्य में कोई अनपढ़ व्यक्ति देश का पीएम बने। अगर कुछ बच्चे पढ़ाई में कमजोर रह गए तो हम अतिरिक्त कक्षाएं लगाकर उन्हें पढ़ाएंगे। इन्ही बच्चों में से कोई भविष्य में देश का पीएम बनेगा। 

सिसोदिया ने दिल्ली में शिक्षा क्रांति लाकर दिखाई

केजरीवाल ने कहा कि मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के अंदर शिक्षा क्रांति लाकर दिखाई, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर उन्हें जेल में डाल दिया गया। यदि आम आदमी पार्टी वाले भी पैसे खाने शुरू कर देते तो उन्हें जेल में नहीं डाला जाता। सिसोदिया पर झूठा केस लगाया गया है, लेकिन अंत में सच्चाई की ही जीत होती है। एमसीडी के स्कूल तोड़े जाने पर भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि एक तरफ हम लोग जगह-जगह नए स्कूल बना रहे हैं और वो लोग स्कूलों को तोड़कर भाजपा का दफ्तर बना रहे हैं। 

फरवरी-24 में पूरा होगा निर्माण

स्कूल वर्ष 2024 फरवरी में बनकर तैयार हो जाएगा। स्कूल में लिफ्ट भी होगी। वर्तमान में स्कूल में 5 हजार छात्र-छात्राओं का दाखिला होता है और दो शिफ्टों में कक्षाएं चलती हैं। पहली शिफ्ट लड़कियों के लिए है, जिसमें करीब तीन हजार छात्राओं हैं, जबकि दूसरी शिफ्ट में दो हजार लड़के पढ़ते हैं। केजरीवाल ने कहा कि स्कूल में पढ़ाई का स्तर इतना ऊंचा हो गया है कि अब यहां पर फ्रैंच, जर्मन, स्पेनिश और जापानी भाषाएं पढ़ाई जाती हैं। दिल्ली के कई बड़े-बड़े निजी स्कूलों में भी विदेशी भाषाएं नहीं पढ़ाई जाती हैं। अभी तक हम विदेशी भाषाएं ही पढ़ा रहे थे, अब विदेशों की तरह स्कूलों इमारत भी बनाएंगे।

शानदार स्कूल का निर्माण 

शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि नई इमारत की ड्राइंग देखने पर लगा कि मानो यह यह अमेरिका के किसी टॉप यूनिवर्सिटी की इमारत हो। बच्चे सर्वश्रेष्ठ शिक्षा के हकदार हैं और उन्हें विश्वस्तरीय शैक्षणिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए हम इस शानदार स्कूल का निर्माण करा रहे हैं। इस स्कूल को लोग टेंट वाला स्कूल कहते थे, लेकिन नई इमारत बनने के बाद इसे अमेरिकी यूनिवर्सिटी जैसी बिल्डिंग वाले स्कूल के नाम से जाना जाएगा।

साजिशन सरकारी स्कूलों को खराब किया गया 

केजरीवाल ने कहा कि 1947 में जब देश आजाद हुआ था तो सरकारी स्कूल ही होते थे। आजादी के बाद षड्यंत्र के तहत बड़ी तेजी के साथ सरकारी स्कूलों को खराब किया गया। 1990 के बाद से निजी स्कूल बढ़ते गए। कई निजी स्कूलों ने लूट मचा रखी है।

भाजपा ने कहा-दिल्ली में कोई शिक्षा क्रांति नहीं

प्रदेश भाजपा का कहना है िक दिल्ली के सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है। ऐसे में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का अंतरराष्ट्रीय स्कूल बनाने का दावा महज एक छलावा है। दिल्ली में कोई शिक्षा क्रांति नहीं है बल्कि दिल्ली में शासन में भ्रष्टाचार का चरम पर है। यह सब दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा लागू की गई नो डिटेंशन पॉलिसी का नतीजा है।

प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि नो डिटेंशन पॉलिसी के कारण कक्षा एक से 8 के छात्रों ने पढ़ाई पर बहुत कम ध्यान दिया गया, क्योंकि उन्हें पता था कि उन्हें पदोन्नत किया जाएगा। परिणामस्वरूप कमजोर शैक्षिक नींव वाले छात्र नौवीं कक्षा में पहुंच गए। 

जहां वे परीक्षा में असफल रहे। मुख्यमंत्री को पता होना चाहिए कि एक स्कूल अपने अच्छे भवन से नहीं बल्कि अपने शिक्षण स्टाफ और अच्छे परिणाम से सफल होता है। मुख्यमंत्री से अपील की कि वे शिक्षा के मुद्दों को इवेंट मैनेजमेंट के तौर पर देखना बंद करें। उधर, प्रदेश भाजपा प्रवक्ता हरीश खुराना ने सोशल मीडिया पर बच्चों का मार्कशीट सांझा करते हुए कहा कि हर साल 9वीं कक्षा में एक लाख से ज्यादा बच्चे फेल हो रहे है।

शिक्षकों का शोषण कर रही है दिल्ली सरकार : बिधूड़ी

विधानसभा नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा है कि शिक्षा क्रांति और शिक्षकों के हितों की दुहाई देने वाली केजरीवाल सरकार शिक्षकों का शोषण कर रही है। 

दिल्ली सरकार दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 कॉलेजों के शिक्षण और गैर शिक्षण स्टाफ, समग्र शिक्षा कार्यक्रम के तहत नियुक्त शिक्षकों और वोकेशनल टीचर्स को वेतन नहीं दे रही है। शिक्षा कार्यक्रम का फंड केंद्र सरकार से लेकर भी शिक्षकों को नहीं दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार शिक्षकों को समाज की रीढ कहती है, लेकिन उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। ताजा मामला समग्र शिक्षा कार्यक्रम का है। योजना में शिक्षकों को 38100 रुपया वेतन दिया जाता है। इसमें से 20 हजार का भुगतान केंद्र सरकार करती है और बाकी राशि दिल्ली सरकार को देनी होती है। केंद्र तो पूरे साल का वेतन एक साथ दिल्ली सरकार को रिलीज कर देती है लेकिन दिल्ली अपने हिस्से का वेतन इन शिक्षकों को नहीं दे रही है। 

केजरीवाल झूठे शिक्षा मॉडल का प्रचार कर रहे हैं : कांग्रेस

प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने दिल्ली की शिक्षा को ध्वस्त करने का आरोप दिल्ली सरकार पर मढ़ा है। कहा है कि मनीष सिसोदिया ने पिछले आठ वर्षों में कांग्रेस की दिल्ली सरकार द्वारा स्थापित बेहतर शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद कर दिया है। दिल्ली में शिक्षा की बुनियाद को ही अस्थिर कर दिया है। 

शिक्षा क्रांति का यह हाल हुआ है कि छात्रों को 80 अंक में दहाई का आंकड़ा भी नहीं आ रहे है। छात्र महज 3, 6 और 9 अंक ला रहे है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पटपड़गंज विधानसभा में स्कूल शिलान्यास की याद क्यों नही आई, मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद ही ईस्ट विनोद नगर में स्कूल का शिलान्यास क्यों किया। शिक्षा प्रसार की जगह सिसोदिया ने शराब के ठेके खोलने का काम किया जिसका परिणाम दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था बदहाल हो चुकी है और केजरीवाल सरकार के संरक्षण प्राइवेट स्कूल फल फूल रहे हैं। 

500 स्कूल बनाने का दावा करनी सरकार ने 14 स्कूल बंद कर दिए। मुख्यमंत्री का मानसिक संतुलन बिगड़ गया हे। केजरीवाल दिल्ली के स्कूलों तुलना विदेशों की पढ़ाई व्यवस्था और माहौल से करके दिल्ली की जनता का ध्यान भ्रमित करने के लिए कर रहे है।

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