Delhi : दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल और तीन अन्य पर तय होंगे भ्रष्टाचार के आरोप, अदालत का आदेश

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डीसीडब्ल्यू प्रमुख स्वाति मालीवाल

डीसीडब्ल्यू प्रमुख स्वाति मालीवाल
– फोटो : फाइल फोटो

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अदालत ने दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल और तीन अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार व आपराधिक साजिश के आरोप तय करने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा, मालीवाल के अलावा आयोग की पूर्व सदस्य प्रोमिला गुप्ता, सारिका चौधरी और फरहीन मलिक के खिलाफ मुकदमा चलाने के पर्याप्त साक्ष्य हैं। सभी पर पद का दुरुपयोग कर आयोग में आप कार्यकर्ताओं की नियुक्ति का आरोप है। 

विशेष न्यायाधीश डीआईजी विनय सिंह ने कहा कि डीसीडब्ल्यू की विभिन्न तारीखों पर आयोजित बैठकों के कार्य का अवलोकन करने से साफ है कि चारों अभियुक्तों ने हस्ताक्षर किए थे। ऐसे में प्रथमदृष्टया मजबूत संदेह की ओर इशारा करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि विचाराधीन नियुक्तियां अभियुक्तों ने की थीं। मालीवाल के अलावा तीनों अभियुक्तों में से किसी ने भी अवैध नियुक्तियों पर कभी आपत्ति नहीं की और न ही असहमति का नोट दिया। बल्कि उन बैठकों में सर्वसम्मति से निर्णय किए जाने का दावा किया गया था। 

90 नियुक्तियों का आरोप
डीसीडब्ल्यू की पूर्व अध्यक्ष व भाजपा की पूर्व विधायक बरखा शुक्ला सिंह की शिकायत पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने मामला दर्ज किया था। अभियोजन पक्ष ने दावा किया था कि 6 अगस्त, 2015 और 1 अगस्त, 2016 के बीच डीसीडब्ल्यू में 90 नियुक्तियां की गईं। इनमें 71 लोगों को अनुबंध जबकि 16 को ‘डायल 181’ संकट हेल्पलाइन के लिए नियुक्त किया गया।

विस्तार

अदालत ने दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल और तीन अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार व आपराधिक साजिश के आरोप तय करने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा, मालीवाल के अलावा आयोग की पूर्व सदस्य प्रोमिला गुप्ता, सारिका चौधरी और फरहीन मलिक के खिलाफ मुकदमा चलाने के पर्याप्त साक्ष्य हैं। सभी पर पद का दुरुपयोग कर आयोग में आप कार्यकर्ताओं की नियुक्ति का आरोप है। 

विशेष न्यायाधीश डीआईजी विनय सिंह ने कहा कि डीसीडब्ल्यू की विभिन्न तारीखों पर आयोजित बैठकों के कार्य का अवलोकन करने से साफ है कि चारों अभियुक्तों ने हस्ताक्षर किए थे। ऐसे में प्रथमदृष्टया मजबूत संदेह की ओर इशारा करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि विचाराधीन नियुक्तियां अभियुक्तों ने की थीं। मालीवाल के अलावा तीनों अभियुक्तों में से किसी ने भी अवैध नियुक्तियों पर कभी आपत्ति नहीं की और न ही असहमति का नोट दिया। बल्कि उन बैठकों में सर्वसम्मति से निर्णय किए जाने का दावा किया गया था। 

90 नियुक्तियों का आरोप

डीसीडब्ल्यू की पूर्व अध्यक्ष व भाजपा की पूर्व विधायक बरखा शुक्ला सिंह की शिकायत पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने मामला दर्ज किया था। अभियोजन पक्ष ने दावा किया था कि 6 अगस्त, 2015 और 1 अगस्त, 2016 के बीच डीसीडब्ल्यू में 90 नियुक्तियां की गईं। इनमें 71 लोगों को अनुबंध जबकि 16 को ‘डायल 181’ संकट हेल्पलाइन के लिए नियुक्त किया गया।



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