Delhi : बाइक बैक के परिचालन पर पाबंदी से लोग परेशान, एग्रीगेटर नीति अंतिम चरण में, मार्च में होगी लागू

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दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत
– फोटो : एएनआई

दिल्ली में बाइक कैब के चलने पर पाबंदी से लोगों की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। रोज कम खर्च में गंतव्य तक पहुंचने के लिए बाइक टैक्सी का उपयोग करने वालों के साथ-साथ चालकों को भी भविष्य की चिंता सताने लगी है। 

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि दो, तीन और चारपहिया वाहनों के लिए एग्रीगेटर नीति अंतिम चरण में है। इसे मार्च में लागू कर दिया जाएगा। इससे लाइसेंस लेना थोड़ा आसान हो जाएगा। फिलहाल फाइल विधि विभाग को भेजी गई है। इससे ऑटो, कैब और दोपहिया वाहनों का वाणिज्यिक इस्तेमाल करने वालों को बड़ी राहत मिलेगी। माना जा रहा है कि नीति में ई-वाहनों को खास तव्वजो दी जाएगी।

सार्वजनिक नोटिस में कुछ सुझाव दिए

डिजिटल क्षेत्र को बढ़ावा और स्थायित्व देने वाली निकाय इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) ने दिल्ली के परिवहन विभाग के सार्वजनिक नोटिस में कुछ सुझाव दिए हैं। इसमें कहा है कि मोटर वाहन अधिनियम की संशोधित धारा 93(1) का पहला प्रावधान यह कहता है कि किसी एग्रीगेटर को लाइसेंस जारी करने के लिए प्रदेश सरकार केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों का पालन कर सकती है। 2020 में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने धारा 93 के तहत एमवी एग्रीगेटर दिशा निर्देशों को अधिसूचित किया था। एमवी एग्रीगेटर दिशा निर्देश 2020 (केंद्रीय दिशानिर्देश) का सेक्शन 15 एग्रीगेटर्स द्वारा गैर-परिवहन वाहन के परिचालन की अनुमति देता है।

यात्रियों की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं कर सकते

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा के साथ किसी तरह का समझौता नहीं कर सकते हैं। नई नीति में बदलाव से लाइसेंस की प्रक्रिया सरल होगी। वाहन चालकों का लाइसेंस, पैनिक बटन यात्रियों खासकर महिला यात्रियों की सुरक्षा अहम मुद्दा है। वाहन चालकों का रिकॉर्ड होने के साथ ही निजी वाहनों को वाणिज्यिक तौर पर चलाने के लिए लाइसेंस जरूरी है। दोपहिया वाहनों के लिए किसी भी एग्रीगेटर को इजाजत न होने के बाद भी चलने वालों पर शिकंजा कसने के लिए सार्वजनिक नोटिस जारी किया गया। सभी पहलुओं पर मंथन किया जा रहा है ताकि किसी को असुविधा नहीं हो।

सुरक्षा के लिए जिम्मेदार कौन

विशेषज्ञ का कहना है कि दोपहिया वाहनों के लिए सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है। दोपहिया वाहनों को वाणिज्यिक इस्तेमाल के बगैर ही चलाए जाने से कोई दुर्घटना होने की स्थिति में जिम्मेदारी किसकी होगी, यह एक बड़ा सवाल है। इसके लिए एग्रीगेटर पॉलिसी को संशोधन के साथ लागू किया जाना चाहिए। लोगों की सहूलियत और सुरक्षा के लिए जरूरी है कि सार्वजनिक परिवहन के तौर पर इस्तेमाल होने वाली बाइक के लिए लाइसेंस, नंबर प्लेट सहित तमाम जरूरतें पूरी होने के बाद ही उन्हें चलने की इजाजत होनी चाहिए।

चालकों को सताने लगी भविष्य की चिंता

परिवहन विभाग के नोटिस के बाद लोगों को एनसीआर के शहरों से दिल्ली आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। दफ्तर पहुंचने में देरी से बचने के लिए लोगों ने कैब, मेट्रो, ऑटो की सवारी की। एप से बुकिंग होने के बाद भी यात्रियों को पहुंचाने के लिए बाइक टैक्सी नहीं मिलने से सुबह से लोग परेशान रहे। बाइक टैक्सी चालक आनंद का कहना है कि परिवहन विभाग की तरफ से लगाई गई पाबंदी से उन्हें भविष्य की चिंता सताने लगी है। चालकों का कहना है कि सरकार को जुर्माना लगाने की बजाय ऐसी नीति लानी चाहिए ताकि सभी को राहत मिल सके। बाइक टैक्सी चलने पर मोटर वाहन अधिनियम के उल्लंघन पर एग्रीगेटर पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगेगा। 

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