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यमुना में फैला प्रदूषण file pic
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
यमुना की सफाई के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति की दूसरी बैठक हुई। दिल्ली के उपराज्यपाल ने सीवर की डी सिल्टिंग, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीटीपी) समेत नालों की स्थिति, बाढ़ के मैदानों के पुनर्विकास और उद्योगों से होने वाले प्रदूषण पर शिकंजा कसने के लिए की गई कार्रवाई की समीक्षा की।
सर्वोच्च न्यायालय और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की लगातार निगरानी के बावजूद पिछले 29 वर्षों से लंबित यमुना की सफाई और कायाकल्प की शुरुआत एलजी की पहल पर हुई है। यमुना के प्रदूषण को रोकने और निगरानी के लिए पहली बार प्रादेशिक सेना की तैनाती की जाएगी।
उच्चस्तरीय समिति की बैठक के बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना बृहस्पतिवार को यमुना के बाढ़ के मैदानों के लिए गहन सफाई अभियान शुरू करेंगे। इसमें सभी क्षेत्रों के गणमान्य लोग शामिल होंगे। एलजी इस मौके पर पहली बार यमुना सफाई अभियान में प्रादेशिक सेना का मसौदा तैयार करेंगे। प्रादेशिक सेना की 94 सदस्यीय कंपनी यमुना को प्रदूषित करने वाले सभी नालों और उप-नालों की जमीनी स्तर पर निगरानी करेगी।
एलजी ने 15 दिन में मांगी रिपोर्ट
यमुना नदी के कायाकल्प के लिए एनजीटी के आदेश पर उच्चस्तरीय समिति गठित की गई। बैठक के दौरान उपराज्यपाल ने नालों की देखरेख और स्वामित्व रखने वाली एजेंसियों(पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, डीडीए, डीजेबी, डीएसआईआईडीसी) को मौके पर जाकर निरीक्षण के बाद 15 दिनों के भीतर उन सभी अवैध उप-नालों की एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा। अब तक यह सरकारी रिकॉर्ड में नहीं है। बैठक में अधिकारियों ने एलजी को जानकारी दी कि नजफगढ़ ड्रेन के 13 उप नालों को फंसाने सहित 3.03 किलोमीटर के दायरे की सीवर लाइन को पूरी तरह गाद मुक्त कर दिया गया है।
परियोजना में कोताही बर्दाश्त नहीं
नालों को ट्रैप करने, सीवर लाइन से गाद निकालने, अनाधिकृत रिहायशी कॉलोनियों में सीवर नेटवर्क और जेजे क्लस्टर में ड्रेनेज संबंधित कार्यों की प्रगति और अगले 6 माह में सभी सभी प्रमुख उप नालों से होने वाले प्रदूषण को रोकने का काम पूरा कर लिया जाएगा। एलजी ने एजेंसियों को निर्धारित समय-सीमा में सख्ती से मानकों के मुताबिक कार्यों को पूरा करने को कहा। साथ ही चेतावनी दी कि परियोजना को लागू करने में किसी तरह की कोताही के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
12 इकाइयों पर 55 लाख का जुर्माना
समिति की पहली बैठक के बाद 88 जल प्रदूषणकारी इकाइयों का निरीक्षण किया गया। इनमें प्रदूषण के लिए जिम्मेवार 12 इकाइयों के पानी और बिजली के कनेक्शन काटने सहित उनपर 53 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। इस दौरान कार्यों की शुरुआत से पहले और बाद की वीडियो भी एलजी को प्रदर्शित की गई। अधिकारियों ने उपराज्यपाल को बताया कि अब तक नजफगढ़ नाले के 17 किलोमीटर हिस्से की सफाई की जा चुकी है और इनमें से 1.2 लाख घन मीटर गाद निकाला गया है।
सितंबर तक पूरे होंगे काम
- नजफगढ़ ड्रेन के 13 उप नाले पूरी तरह से ट्रैप किए गए
- बारापुला, महारानी बाग और मोरी गेट ड्रेन को ट्रैप करने का काम सितंबर तक पूरा किया जाएगा। इससे यमुना में प्रवाहित होने वाले 48.14 एमजीडी सीवेज की जांच की जाएगी।
- सितंबर तक पेरिफेरल सीवर लाइन की 200 किलोमीटर के दायरे को गाद मुक्त कर लिया जाएगा। 90 किलोमीटर की सीवर लाइनों को जून तक डी-सिल्ट किया जाएगा।
- नजफगढ़ ड्रेन के तिमारपुर से ख्याला तक 17 किलोमीटर की दूरी को साफ किया गया है।
- 573 कॉलोनियों में सीवर नेटवर्क डालने का काम चल रहा है। इनमें 264 कॉलोनियों में जून तक कार्य पूरा कर लिया जाएगा जबकि शेष 70 कॉलोनियों में सितंबर तक पूरा किया जाएगा।
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