Delhi: वर्क फ्रॉम होम का झांसा देकर दुबई से ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, चला रहे थे फर्जी कॉल सेंटर भी

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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
– फोटो : अमर उजाला

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उत्तरी जिला के साइबर थाना पुलिस ने वर्क फ्रॉम होम का झांसा देकर दुबई से ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा किया है। पुलिस ने गिरोह के चार आरोपियों को दिल्ली के अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान अमित केडिया (30), सचिन गुप्ता (36), रोहित जैन (36) और प्रदीप कुमार उर्फ राहुल उर्फ प्रधान (34) के रूप में हुई है। शुरुआती जांच में सैकड़ों लोगों से 25 से 30 करोड़ रुपये की ठगी की बात सामने आई है। आरोपियों के पास से 50 हजार नकद, 12 मोबाइल फोन, 22 सिमकार्ड, पांच आयात-निर्यात के फर्जी सर्टिफिकेट, 17 बैंक अकाउंट, 17 डेबिट कार्ड और चेकबुक, एक नोट गिनने वाली मशीन, स्कूटी व भारी मात्रा में अन्य सामान बरामद किया है। आरोपी दिल्ली के अशोक विहार इलाके में फर्जी कॉल सेंटर भी चला रहे थे।

जिला पुलिस उपायुक्त सागर सिंह कलसी ने बताया कि उनकी टीम को गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम पोर्टल से युवती की शिकायत मिली थी। पीड़िता ने बताया कि उसके मोबाइल पर एक मैसेज आया था। जिसमें अमेजन पर घर से काम करने के बदले में अच्छी रकम देने की बात की गई थी। पीड़िता ने दिए गए लिंक पर रजिस्टर करके वर्क फ्रॉम होम करना शुरू कर दिया। इसके बाद आरोपियों ने पीड़िता से 3.15 लाख रुपये ठग लिये। पीड़िता की शिकायत पर 30 नवंबर को मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी। साइबर थाना प्रभारी पवन तोमर व अन्यों की टीम ने सबसे पहले उन खातों की पड़ताल की जिनमें रकम ट्रांसफर की गई थी। इसके अलावा उस मोबाइल नंबर का भी पता किया गया, जिससे पीड़िता को मैसेज आया था। नंबर फिलीपींस का निकला। जांच में ठगी की रकम अलग-अलग शहरों में एटीएम के जरिये निकाले जाने की बात सामने आई। छानबीन के बाद पुलिस ने आरोपी प्रदीप कुमार उर्फ राहुल को मॉडल टाउन से गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि वह पहले से एक्टिवेट बैंक अकाउंट अमित केडिया औ सचिन गुप्ता को बेचता है। आरोपी प्रदीप आरोपियों को कुछ और अकाउंट देने वाला है। पूछताछ के बाद पुलिस की टीम ने अशोक विहार के कॉल सेंटर पर छापेमारी कर अमित केडिया और सचिन गुप्ता को दबोच लिया। दोनों से पूछताछ के बाद इनके टीम लीडर रोहित जैन को भी अशोक विहार से ही दबोच लिया गया। आरोपियों ने खुलासा किया है कि गैंग क्रिकेट बैटिंग के नाम पर भी कॉल कर लोगों से अपना एप डाउनलोड करवाते थे। वहां भी आने वाले लोगों से ठगी की जाती थी। 

ऐसे दिया जाता था ठगी की वारदात को अंजाम
पुलिस जांच में सामने आया है कि गैंग सरगना गुलाठी दुबई से ऑपरेट करता है। जुलाई में रोहित और जिगर दुबई गए थे। वहां आरोपियों की मुलाकात गुलाठी से हुई। गुलाठी ने दोनों को अमेजन की फर्जी वेबसाइट बनाकर दी। इसके बाद ठगी की साजिश रची। आरोपी नौकरी.कॉम, शाइन.कॉम से बेरोजगारों का डाटा खरीदते थे। इसके बाद पीड़ितों को विदेशी नंबरों से मैसेज कर वर्क फ्रॉम होम के बदले मोटी रकम देने की बात की जाती थी। पीड़ितों को एक लिंक भेजा जाता था। उस पर काम करवाने के अलावा पीड़ितों का एक फर्जी अकाउंट भी खोलने की बात की जाती थी। वर्क फ्रॉम काम करने के बाद पीड़ितों के रुपये फर्जी अकाउंट में दिखते थे। उसको प्राप्त करने के लिए आरोपी इतनी ही रकम को जमा करवाने और बाद में जीएसटी देने की बात कर और रुपये ले लेते थे।

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उत्तरी जिला के साइबर थाना पुलिस ने वर्क फ्रॉम होम का झांसा देकर दुबई से ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा किया है। पुलिस ने गिरोह के चार आरोपियों को दिल्ली के अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान अमित केडिया (30), सचिन गुप्ता (36), रोहित जैन (36) और प्रदीप कुमार उर्फ राहुल उर्फ प्रधान (34) के रूप में हुई है। शुरुआती जांच में सैकड़ों लोगों से 25 से 30 करोड़ रुपये की ठगी की बात सामने आई है। आरोपियों के पास से 50 हजार नकद, 12 मोबाइल फोन, 22 सिमकार्ड, पांच आयात-निर्यात के फर्जी सर्टिफिकेट, 17 बैंक अकाउंट, 17 डेबिट कार्ड और चेकबुक, एक नोट गिनने वाली मशीन, स्कूटी व भारी मात्रा में अन्य सामान बरामद किया है। आरोपी दिल्ली के अशोक विहार इलाके में फर्जी कॉल सेंटर भी चला रहे थे।

जिला पुलिस उपायुक्त सागर सिंह कलसी ने बताया कि उनकी टीम को गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम पोर्टल से युवती की शिकायत मिली थी। पीड़िता ने बताया कि उसके मोबाइल पर एक मैसेज आया था। जिसमें अमेजन पर घर से काम करने के बदले में अच्छी रकम देने की बात की गई थी। पीड़िता ने दिए गए लिंक पर रजिस्टर करके वर्क फ्रॉम होम करना शुरू कर दिया। इसके बाद आरोपियों ने पीड़िता से 3.15 लाख रुपये ठग लिये। पीड़िता की शिकायत पर 30 नवंबर को मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी। साइबर थाना प्रभारी पवन तोमर व अन्यों की टीम ने सबसे पहले उन खातों की पड़ताल की जिनमें रकम ट्रांसफर की गई थी। इसके अलावा उस मोबाइल नंबर का भी पता किया गया, जिससे पीड़िता को मैसेज आया था। नंबर फिलीपींस का निकला। जांच में ठगी की रकम अलग-अलग शहरों में एटीएम के जरिये निकाले जाने की बात सामने आई। छानबीन के बाद पुलिस ने आरोपी प्रदीप कुमार उर्फ राहुल को मॉडल टाउन से गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि वह पहले से एक्टिवेट बैंक अकाउंट अमित केडिया औ सचिन गुप्ता को बेचता है। आरोपी प्रदीप आरोपियों को कुछ और अकाउंट देने वाला है। पूछताछ के बाद पुलिस की टीम ने अशोक विहार के कॉल सेंटर पर छापेमारी कर अमित केडिया और सचिन गुप्ता को दबोच लिया। दोनों से पूछताछ के बाद इनके टीम लीडर रोहित जैन को भी अशोक विहार से ही दबोच लिया गया। आरोपियों ने खुलासा किया है कि गैंग क्रिकेट बैटिंग के नाम पर भी कॉल कर लोगों से अपना एप डाउनलोड करवाते थे। वहां भी आने वाले लोगों से ठगी की जाती थी। 

ऐसे दिया जाता था ठगी की वारदात को अंजाम

पुलिस जांच में सामने आया है कि गैंग सरगना गुलाठी दुबई से ऑपरेट करता है। जुलाई में रोहित और जिगर दुबई गए थे। वहां आरोपियों की मुलाकात गुलाठी से हुई। गुलाठी ने दोनों को अमेजन की फर्जी वेबसाइट बनाकर दी। इसके बाद ठगी की साजिश रची। आरोपी नौकरी.कॉम, शाइन.कॉम से बेरोजगारों का डाटा खरीदते थे। इसके बाद पीड़ितों को विदेशी नंबरों से मैसेज कर वर्क फ्रॉम होम के बदले मोटी रकम देने की बात की जाती थी। पीड़ितों को एक लिंक भेजा जाता था। उस पर काम करवाने के अलावा पीड़ितों का एक फर्जी अकाउंट भी खोलने की बात की जाती थी। वर्क फ्रॉम काम करने के बाद पीड़ितों के रुपये फर्जी अकाउंट में दिखते थे। उसको प्राप्त करने के लिए आरोपी इतनी ही रकम को जमा करवाने और बाद में जीएसटी देने की बात कर और रुपये ले लेते थे।



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