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मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो)
– फोटो : अमर उजाला
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दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आबकारी मामले में शनिवार को सीबीआई छापेमारी पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि उन्हें फर्जी तरीके से फंसाने के लिए सीबीआई ने कानूनी प्रक्रिया को दरकिनार कर उनके कार्यालय से कंप्यूटर जब्त किया। इस मामले में सीबीआई-ईडी की जांच अगस्त 2022 से चल रही है, लेकिन उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है और सीबीआई की चार्जशीट में उनका नाम आरोपी के रूप में नहीं है। सीबीआई से मिले सीजर मेमो में जब्त दस्तावेज का कोई हैश वैल्यू नहीं किया गया। इसके अलावा सीबीआई ने दस्तावेज का फोटो भी नहीं लिया।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि जब्त डिजिटल डिवाइस की प्रामाणिकता केस को स्थापित करने के लिए अहम है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि जब्ती के समय जांच अधिकारी की तरफ से डेटा रिकॉर्ड का हैश वैल्यू लिया जाना चाहिए। उन्होंने आशंका जताई कि सीबीआई ने गोपनीय फाइलों व दस्तावेजों को नष्ट करने के लिए सीपीयू को जब्त किया है और उसमें एडिट कर उनको फर्जी तरीके से फंसाने के लिए इसका इस्तेमाल करेगी।उन्होंने कहा कि शनिवार को उनका कार्यालय बंद था। सीबीआई अधिकारी ने टेलीफोन पर उनके पीएस को कार्यालय आकर उसे खोलने का फरमान दिया। उनके कार्यालय पहुंचने से पहले ही सीबीआई की टीम मौजूद थी। सीबीआई के अधिकारियों ने उनके पीएस को कार्यालय खोलने और कॉन्फ्रेंस रूम में ले जाने को कहा।
कॉन्फ्रेंस रूम में एक कंप्यूटर लगा देखा। उन्होंने कंप्यूटर चालू कराया और उसका आकलन किया और सीआरपीसी की धारा 91 के तहत एक नोटिस सचिव को सौंप दिया और कंप्यूटर सिस्टम का सीपीयू मांगा। इसके बाद टीम ने निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना ही सीपीयू को जब्त कर लिया। उन्होंने कहा कि आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 3(2) के तहत इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को प्रमाणित करने के लिए हैशिंग का इस्तेमाल किया जाता है। सीबीआई मैनुअल में इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज को जब्त करते समय इन चीजों का भी अनिवार्य रूप से पालन होना चाहिए। इसलिए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की जब्ती ने कानून की नजर में अपनी प्रमाणिकता को खो दिया।
सिसोदिया के आरोपों का सीबीआई ने किया खंडन
मनीष सिसोदिया की तरफ से लगाए गये आरोपों को खारिज करते हुए सीबीआई ने कहा कि वह किसी भी तलाशी या जब्ती की कार्रवाई करते समय कानून के अनुसार प्रक्रिया का पालन करती है। एजेंसी ने सिसोदिया द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया है जिसमें आरोप लगाया कि एजेंसी हैश वैल्यू प्रदान किए बिना कंप्यूटर को जब्त करके “दुर्भावनापूर्ण तरीके से फंसाने” की कोशिश कर रही थी। एजेंसी ने कहा कि तलाशी और जब्ती की इसकी सभी प्रक्रियाएं कानून के अनुसार हैं। एजेंसी ने सिसोदिया के कार्यालय में किसी भी तलाशी या छापे से इनकार किया।
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