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हाईकोर्ट ने एक नई सीमांकन रिपोर्ट तैयार किए जाने तक महरौली पुरातत्व पार्क में मकानों और दुकानों को ढहाए जाने पर रोक लगाने की मांग संबंधी याचिका पर मंगलवार को दिल्ली सरकार और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति मिनी पुष्कर्णा ने फिलहाल तोड़फोड़ कार्रवाई में हस्तक्षेप करने से इन्कार करते हुए महरौली माइनॉरीटीज रेजिडेंट एंड शॉप ऑनर्स वेलफेयर की याचिका पर नोटिस जारी किया है। साथ ही निर्देश दिया कि याचिका को मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष रखा जाए जहां इसी तरह की एक याचिका पहले से लंबित है। उन्होंने कहा सुनवाई 17 फरवरी को होने पर ही खंडपीठ मामले में अगला आदेश देगी।
उल्लेखनीय है कि अधिकारियों ने अतिक्रमण रोधी अभियान के तहत महरौली पुरातत्व पार्क में करीब 20 बहुमंजिला भवन, बड़ी संख्या में दुकानों और मकान तथा एक निजी स्कूल भवन की पहचान ऐसे ढांचे के रूप में की है जो पिछले कुछ दशकों में अवैध रूप से निर्मित किए गए हैं।अधिकारियों ने इन ढांचों को ढहाए जाने पर रोक लगाने के लिए कुछ पक्षकारों द्वारा अदालत का रुख किये जाने के बाद कहा कि केवल उन ढांचों को हटाया जाएगा जो किसी वाद का हिस्सा नहीं हैं। दक्षिण दिल्ली के इस पार्क में जी20 की एक प्रस्तावित बैठक से एक महीने पहले बीते शुक्रवार को यह अभियान शुरू किया गया है।
पांचवें दिन भी चला डीडीए का बुलडोजर
डीडीए ने महरौली में लगातार पांचवें दिन मंगलवार को भी करीब छह मकानों पर बुलडोजर चलाया। इस दौरान लोगों ने डीडीए की कार्रवाई का विरोध किया। प्रभावितों ने डीडीए की कार्रवाई को गलत ठहराते हुए अपने मकानों के कागजात दिखाए। उन्होंने डीडीए के खिलाफ नारेबाजी की, लेकिन दिल्ली पुलिस कर्मचारियों के समक्ष उनकी एक नहीं चली और वे अपने आशियाने को टूटते देखते रहे।
डीडीए के अधिकारी दलबल के साथ महरौली में तोड़फोड़ की कार्रवाई को अंजाम देने पहुंचे। तोड़फोड़ दस्ते के आते ही लोग विरोध करने लगे। लोगों ने डीडीए की कार्रवाई को गलत ठहराते हुए अपने मकानों को सही करार दिया। उन्होंने अपने मकानों के कागजात भी दिखाए, लेकिन डीडीए के अधिकारियों ने उनकी एक नहीं सुनी और तोड़फोड़ की कार्रवाई पर अड़े रहेे। इस बीच दिल्ली पुलिस ने लोगों को पीछे हटा दिया। इसके बाद लोगों ने डीडीए के खिलाफ नारेबाजी करनी शुरू कर दी, लेकिन उनका विरोध काम नहीं आया और डीडीए ने मकानों को तोड़ना शुरू कर दिया। यहां डीडीए ने 20 बहुमंजिला इमारतों, बड़ी संख्या में दुकानों और मकानों व एक निजी स्कूल के भवन को तोड़ने के लिए चिह्नित किया है।
विभाग की लापरवाही से टूट रहे घर : भाजपा
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत जय पांडा के नेतृत्व में मंगलवार को एक प्रतिनिधिमंडल महरौली मुद्दे को लेकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मिला। इस दौरान समस्याओं से अवगत कराकर तोड़फोड़ अभियान को रोकने की मांग की गई।
प्रभावित लोगों के साथ पहुंचे भाजपा नेताओं ने उपराज्यपाल को बताया कि ज्यादातर लोग चार दशक से बसे हैं और उनके पास मकानों का पंजीकरण है। साथ ही उन्हें बैंक ऋण भी मिले हैं। दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग की लापरवाही के कारण बने गलत नक्शों के कारण लोगों के घरों पर संकट मंडरा रहा है। प्रतिनिधिमंडल के साथ एक घंटे तक चली बैठक के बाद उपराज्यपाल ने आश्वस्त किया कि वह किसी भी अधिकृत घर को टूटने नहीं देंगे और वह यह सुनिश्चित करेंगे कि बिना प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी किए कोई कार्रवाई नहीं हो।
साथ ही, उन्होंने मकानों पर तोड़फोड़ की कार्रवाई तुरंत रुकवाने का भी आश्वासन दिया। बैठक के बाद बैजयंत जय पांडा, कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा व सांसद रमेश बिधूड़ी ने बताया कि उपराज्यपाल ने तुरंत प्रभाव से तोड़फोड़ रुकवाने का आश्वासन देकर बड़ी राहत दी है।
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