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एम्स दिल्ली
– फोटो : फाइल
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पार्किंसन-अल्जाइमर जैसे न्यूरोडीजेनेरेटिव विकारों का पता आने वाले दिनों में एलाइजा किट से लगाया जा सकेगा। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली के बायोफिजिक्स विभाग में अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. सरोज कुमार ने इन विकारों का पता लगाने के लिए एक नई तकनीक विकसित की है। इस तकनीक के अगले चरण में एलाइजा किट को तैयार किया जाएगा।
नई तकनीक में लार और खून की जांच से पता लगाया जा सकता है कि अगले पांच या दस सालों में ऐसे कोई विकार शरीर में विकसित हो रहे रहे हैं या नहीं। इस विधि में सूक्ष्म नैनोस्केल कण, एक्सोसोम की जांच की जा सकेगी, जिसकी मदद से इनकी जांच की जा सकेगी। दरअसल शरीर में ऐसे विकार होने के दौरान तंत्रिका कोशिकाओं से लार, रक्त से जैव तरल पदार्थों का रिसाव होता है। एम्स ने इस नई विधि को पेटेंट करवाने के लिए भी आवेदन किया है।
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