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सदन में बोलते सीएम अरविंद केजरीवाल file pic
– फोटो : वीडियो ग्रैब
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विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को अदाणी मामले को लेकर संकल्प पत्र पास हुआ। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि ईडी-सीबीआई का इस्तेमाल कर लोगों की कंपनियां छीनी जा रही हैं। 10 अक्तूबर 2018 को कृष्णापट्टनम पोर्ट के ऊपर आयकर विभाग ने छापा मारा।
डेढ़ साल बाद 6 अप्रैल 2020 को पूरा पोर्ट अदाणी ने खरीद लिया। 10 दिसंबर 2020 को एसीसी और अंबुजा सीमेंट पर छापे मारे गए। 16 अक्तूूबर 2022 को दोनों सीमेंट प्लांट अदाणी के पास चले गए। इसी तरह अन्य कंपनी भी अदाणी को मिलीं। इसके अलावा खदानों से हर साल 2800 करोड़ रुपये का कोयला भी उन्हें फ्री में जाता है।
मुख्यमंत्री ने भाजपा के एक बड़े नेता के साथ हुई चर्चा का जिक्र करते हुए दावा किया कि अदाणी तो मात्र फ्रंट पर हैं, सारा पैसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लगा है। अदाणी सिर्फ पैसे को मैनेज करता है। अगर जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) जांच हो गई तो अदाणी नहीं, बल्कि मोदी डूबेंगे। इस कारण प्रधानमंत्री हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद भी अदाणी को बचाने में जुटे हैं।
केजरीवाल ने प्रधानमंत्री के कम पढ़े-लिखे होने की बात कहते हुए कहा कि उन्हें अदाणी पैसा लगाने के बारे में बताते हैं। वर्ष 2014 में अदाणी की संपत्ति 50 हजार करोड़ रुपये की थी और सात साल में बढ़कर 11.50 लाख करोड़ रुपये हो गई। प्रधानमंत्री दोनों हाथों से देश को लूट रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस से 10 गुना ज्यादा मात्र 7-8 साल में लूट लिया।
आजादी के बाद सबसे भ्रष्ट प्रधानमंत्री हैं नरेंद्र मोदी। अदाणी नहीं, बल्कि नरेंद्र मोदी दुनिया के दूसरे सबसे अमीर आदमी बने थे और वे दुनिया के सबसे अमीर आदमी बनना चाहते हैं। मोदी ने श्रीलंका जाने के दौरान वहां के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे पर दबाव डालकर श्रीलंका का विंड प्रोजेक्ट अदाणी को दिलवाया।
उन्होंने बांग्लादेश को 25 साल के लिए 1500 मेगावॉट बिजली बेचने का प्रोजेक्ट भी अदाणी को दिलवा दिया। उन्होंने इस्राइल के साथ भारत के हुए कई रक्षा सौदे अदाणी को दे दिए। इसी तरह उन्होंने देश के छह एयरपोर्ट देने के लिए उनके अनुकूल शर्तें तय कर निजीकरण के लिए नीलामी की।
संकल्प पत्र में कई मांगें उठाईं
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा में पास किए गए संकल्प पत्र में मांग की गई कि संविधान के तहत प्रदत्त कानून के शासन को बहाल करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। मोदी सरकार को उन सभी असंवैधानिक साधनों को समाप्त करने का निर्देश दें, जिनके माध्यम से उनकी ओर से मित्रों को बढ़ावा दिया जा रहा है और ईमानदार लोगों को सताया जा रहा है। इसके अलावा संसद को एक संदेश भेजें कि वह प्रधानमंत्री के मित्र के घोटाले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति के गठन पर विचार करें। वहींं, सुप्रीम कोर्ट से अपील की गई कि जनहित में इलेक्टोरल बॉन्ड के मुद्दे पर याचिका का दायरा बढ़ाया जाए।
अल्पकालिक चर्चा कराने के मामले में कई बार हंगामा
विधानसभा में मंगलवार को अल्पकालिक चर्चा कराने के मामले में कई बार हंगामा हुआ। विधानसभा अध्यक्ष ने सत्ता पक्ष के एक निजी कंपनी के कारण केंद्र सरकार को हो रहे नुकसान पर चर्चा के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। वहीं, विपक्ष का दिल्ली सरकार के अनेक विभागों में भ्रष्टाचार के मामले सामने आने पर चर्चा के प्रस्ताव को रद्द कर दिया।
विपक्ष के सदस्यों नेे कड़ा विरोध करते हुए हंगामा किया। इस कारण विधानसभा अध्यक्ष ने बैठक स्थगित कर दी, जबकि लंच के बाद हंगामा करने पर उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को सदन से बाहर कर दिया। इसके विरोेध में भाजपा के सदस्यों ने बैठक का बहिष्कार किया। बैठक की कार्यवाही आरंभ होते ही अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने सत्तापक्ष के प्रस्ताव पर अल्पकालिक चर्चा कराने का निर्णय लिया।
नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने निर्णय का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि सदन में उन प्रस्तावों पर चर्चा नहीं कराई जाती है, जबकि उन विषयों को चर्चा के लिए चुना जाता है जो विधानसभा के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते हैं।
इस दौरान उन्होंने सत्तापक्ष के प्रस्ताव पर चर्चा में बाधा डालने का प्रयास किया, तभी सत्ता पक्ष के सदस्यों ने उनके खिलाफ हंगामा शुरू कर दिया। लिहाजा, विधानसभा अध्यक्ष ने 15 मिनट तक बैठक स्थगित कर दी। सदन की दोबारा बैठक शुरू होने पर सत्तापक्ष के प्रस्ताव पर चर्चा आरंभ हुई। इस दौरान आप विधायक मदनलाल के वक्तव्य पर कई बार आपत्ति जताते हुए विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा किया, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद विपक्ष के सदस्य शांत हो गए। वे प्रधानमंत्री का नाम लेकर बात रख रहे थे।
नेता प्रतिपक्ष को सदन से बाहर निकाला
विपक्ष के सदस्यों ने आरोप लगाया कि मदनलाल पाकिस्तान के एक अखबार का हवाला देकर उसकी भाषा बोल रहे हैं और पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी करनी शुरू कर दी। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मदनलाल ने पाकिस्तान के अखबार का नहीं, बल्कि ईरान के अखबार का हवाला दिया है। वहीं, मदनलाल कहा कि वह अल जजीरा कतर के अखबार की बात रहे हैं। लंच के बाद बैठक आरंभ होते ही विपक्ष के सदस्यों ने सत्तापक्ष के प्रस्ताव चल रही चर्चा का फिर विरोध किया। रामवीर सिंह बिधूूड़ी ने कहा कि चर्चा गैरकानूनी है। इस तरह की चर्चा इस सदन में नहीं हो सकती इस दौरान दोनों तरफ से नारेबाजी हुई और सदन हंंगामे में तब्दील हो गया। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष को सदन से बाहर कर दिया। इसके विरोध में भाजपा विधायकों ने सदन का बहिष्कार किया।
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