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उपराज्यपाल वीके सक्सेना और अरविंद केजरीवाल
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र का शुक्रवार को आगाज हुआ, तो भाजपा विधायकों ने भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाकर जमकर हंगामा किया। विधायकों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की मांग करते हुए नारेबाजी की। चेतावनी के बावजूद हंगामा नहीं थमा, तो विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी समेत भाजपा के सभी विधायकों को सदन से निकाल दिया।
उपराज्यपाल वीके सक्सेना के अभिभाषण के दौरान जैसे ही भाजपा विधायकों ने हंगामा शुरू किया, आप विधायकों ने भी नारेबाजी शुरू कर दी। चेतावनी के बाद भी भाजपा विधायक शांत नहीं हुए, तो अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही पहले दिनभर, फिर सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी। केजरीवाल ने कहा कि अभिभाषण के दौरान बाधा पहुंचाना सदन की अवमानना है। सदन ने प्रस्ताव पारित करके एथिक्स कमेटी को भेज दिया है। वहीं, बिधूड़ी ने कहा कि विधायकों को बाहर निकालना तानाशाही है। अगर सदन में आवाज नहीं उठाने दी गई, तो सड़कों पर संघर्ष करेंगे।
एलजी ने तकरार की बात को किया स्वीकार
दिल्ली सरकार के साथ चल रही मौजूदा तकरार की बात को उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा परिसर में स्वीकार किया। बावजूद इसके दिल्ली की सरकार को अपनी सरकार बताते हुए रिश्ता कायम रहने का भी दावा किया। मुस्कुराते हुए सक्सेना ने माना कि इसमें कोई शक नहीं है कि पिछले कुछ दिनों में बोलने की मर्यादाएं टूटी है। साथ ही यह कहा, ‘हवा रोज गिराती है पत्ते मेरे, फिर भी हवाओं से टूटते नही हैं रिश्ते मेरे’। यह हमारी सरकार है, रिश्ते कैसे टूट सकते हैं?
उधर, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एलजी से तकरार को छोटा मसला करार देते हुए राज्य को संविधान से चलने देने का हवाला दिया। वहीं, मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, उपराज्यपाल सरकार को संविधान के हिसाब से काम करने दें। दरअसल, अभिभाषण खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री विधानसभा परिसर में उपराज्यपाल वीके सक्सेना को विदा करने निकले थे। इसी दौरान मीडिया ने उपराज्यपाल से दिल्ली की चुनी हुई सरकार के साथ चल रही मौजूदा तकरार पर सवाल किया था।
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