Delhi Mayor Election: आखिरी दिन BJP के यू-टर्न से बैचेन हुई AAP, इन पदों पर कब्जे के लिए यह है भाजपा का प्लान

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Delhi Mayor Election- AAP Candidate Shelly Oberoi and BJP Candidate Rekha Gupta

Delhi Mayor Election- AAP Candidate Shelly Oberoi and BJP Candidate Rekha Gupta
– फोटो : Amar Ujala

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दिल्ली में हुए एमसीडी चुनाव के बाद मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव (Delhi Mayor Election) को लेकर सरगर्मियां तेज हो चली हैं। भाजपा ने एन मौके पर आम आदमी पार्टी के मंसूबों पर पानी फेर दिया। आखिरी दिन भाजपा ने यू-टर्न लेते हुए महापौर पद के लिए रेखा गुप्ता और उप महापौर के लिए कमल बागड़ी को मैदान में उतारा है। इससे पहले भाजपा के कई नेताओं ने मेयर चुनाव न लड़ने के संकेत दिए थे। इधर, भाजपा को पछाड़ देने के बाद ही आप आदमी पार्टी के नेताओं को मेयर चुनाव में ऑपरेशन लोटस का डर सता रहा है। दरअसल, इस चुनाव में क्रॉस वोटिंग के चांस ज्यादा होते हैं। पहले भी चुनावों में क्रॉस वोटिंग होती रही हैं। इस बार देखना होगा कि कितने वोट क्रॉस होते हैं। आप ने शैली ओबरॉय को मेयर और मोहम्मद इकबाल को डिप्टी मेयर का उम्मीदवार बनाया है।

15 सालों से दिल्ली की निगम पर काबिज भाजपा को इस बार निगम चुनावों में हार का मुंह देखना पड़ा है। निगम एकीकरण के बाद पहली बार 250 वार्डों में हुए चुनाव में भाजपा को 104, वहीं आप को 134 सीटें हासिल हुईं। जबकि कांग्रेस पार्टी को महज 9 सीटों पर जीत हासिल हुई। चुनावों में मिली हार के बाद भाजपा ने दिल्ली में मेयर का चुनाव नहीं लड़ने की बात कही थी, लेकिन अब भाजपा ने आम आदमी पार्टी खेल बिगाड़ते हुए अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया है। चुनाव में आम आदमी पार्टी को कड़ी टक्कर देने के लिए भाजपा ने खास रणनीति बनाई है। एमसीडी में भाजपा के पास जीत का जादुई आंकड़ा नहीं है। ऐसे में पार्टी ने एमसीडी में धुरंधर रहे अपने दो नेताओं को चुनावी कमान सौंपी है। जिसमें एक विजेंद्र गुप्ता हैं और दूसरे सुभाष आर्य। एमसीडी सदन में जीत हासिल करने की रणनीति तय करने की जिम्मेदारी विधायक विजेंद्र गुप्ता और सुभाष आर्य को दी है। सुभाष एकीकृत एमसीडी के अलावा दक्षिण दिल्ली नगर निगम में बड़े पदों पर रहे हैं।

भाजपा का अपना दावा, आप को ऑपरेशन लोटस का डर

दिल्ली मेयर को लेकर सात दिसंबर को भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट किया था, ‘अब दिल्ली का मेयर चुनने की बारी है। ये सब इस बात पर निर्भर करेगा कि मुकाबले में कौन कितनी संख्या रखता है। मनोनीत पार्षद किसे वोट करते हैं।  उदाहरण के लिए चंडीगढ़ में भाजपा का मेयर है।’ हालांकि कुछ दिनों पहले ही तत्कालीन दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा था कि एमसीडी चुनाव में आप को बहुमत मिला है। अगला मेयर आम आदमी पार्टी से ही होगा। भाजपा निगम में मजबूत विपक्ष की भूमिका अदा करेगी। तब उन्होंने कहा था कि हम एमसीडी में एक सजग प्रहरी की तरह कोई भ्रष्टाचार नहीं होने देंगे। दिल्ली स्वच्छ हो और एमसीडी अच्छा काम करे, यही हमारी प्राथमिकता होगी। लेकिन भाजपा ने मंगलवार को महापौर और डिप्टी मेयर के नामों का एलान कर इस मामले में यू-टर्न ले लिया है।

इधर, एमसीडी चुनाव नतीजों के बाद आप सांसद संजय सिंह ने कहा था कि भाजपा दिल्ली नगर निगम चुनाव में बहुमत हासिल नहीं करने के बावजूद ये कह रही है कि हम यहां मेयर बनाएंगे, इसका मतलब है कि वह कह रही है कि हम लोकतंत्र की हत्या करेंगे। भाजपा कह रही है कि जिस तरह से हम पूरे देश में खरीद-फरोख्त करते हैं, वही दिल्ली में भी करेंगे। ये तो चोरी और सीनाजोरी वाली बात है। एक ऐसी पार्टी जो खुद को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी कहती है, वह सीना ठोक कर कह रही है कि हम यहां पर खरीद-फरोख्त, हॉर्स ट्रेडिंग और ‘ऑपरेशन लोटस’ करेंगे, भले ही चुनाव में जनता ने हमें हरा दिया हो।

यह है भाजपा और आप के मेयर उम्मीदवार

दिल्ली में मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव 6 जनवरी को होगा। चुनाव में आम आदमी पार्टी की मेयर प्रत्याशी शैली ओबरॉय के सामने भाजपा ने रेखा गुप्ता को चुनाव मैदान में उतारा है। भाजपा की रेखा गुप्ता शालीमार बाग से तीन बार पार्षद पद का चुनाव जीत चुकी हैं। इस बार उन्होंने शालीमार बाग पार्षद चुनाव में आप की इशुप्रीत गुजराल और कांग्रेस की मोना शौकीन को हराया। रेखा गुप्ता इससे पहले भी नगर निगम में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुकी हैं। रेखा गुप्ता ने दिल्ली के दौलत राम कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है। वह दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ की अध्यक्ष और जनरल सेक्रेटरी भी रह चुकी हैं। इसके अलावा रेखा गुप्ता दिल्ली भाजपा संगठन में कई महत्वपूर्ण पदों पर भी काम कर चुकी हैं।

आप मेयर उम्मीदवार शैली ओबरॉय दिल्ली की पटेल नगर विधानसभा के वार्ड नंबर 86 से पार्षद हैं। 39 साल की शैली ओबरॉय पेशे से प्रोफेसर हैं। शैली ओबरॉय ने पीएचडी तक की पढ़ाई की है। पहली बार पार्षद चुनी शैली ओबरॉय ने मात्र 269 वोटों से चुनाव जीता है। उन्होंने पटेल नगर विधानसभा के वार्ड नंबर 86 से भाजपा की दीपाली कपूर को हराया। शैली ओबेरॉय विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में सर्वश्रेष्ठ पेपर पुरस्कार की प्राप्तकर्ता हैं। उन्होंने ICA सम्मेलन में स्वर्ण पदक (प्रोफेसर मनुभाई शाह पुरस्कार) भी जीता है। उन्हें ‘मिस कमला रानी पुरस्कार’ से भी सम्मानित किया गया है।

इन पदों पर भाजपा की संभावना ज्यादा

चुनाव में महापौर और उपमहापौर पद पर भाजपा की जीत की संभावना कम नजर आ रही है। लेकिन वह एमसीडी की महत्वपूर्ण स्थायी समिति के सदस्यों के तीन पदों को जीतने की कोशिश करेगी। महापौर का चुनाव एक गुप्त मतदान के माध्यम से होता है और पार्षद किसी भी उम्मीदवार को वोट देने के लिए स्वतंत्र होते हैं क्योंकि दलबदल विरोधी कानून इस पर लागू नहीं होता है। महापौर के चुनाव के लिए निर्वाचित 250 पार्षद, दिल्ली के 7 लोकसभा और 3 राज्यसभा सदस्य और विधानसभा के 15 विधायक मतदान के पात्र हैं।

दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष ने आप के 13 और भाजपा के एक विधायक को चुनाव में मतदान करने के लिए नामित किया है। महापौर चुनाव के लिए कुल वोट 274 हैं। जिसमें आप के पास 150 और भाजपा के पास 113 हैं। एमसीडी में कांग्रेस के नौ, जबकि दो अन्य निर्दलीय पार्षद हैं। महापौर, उपमहापौर और स्थायी समिति के सदस्यों के लिए छह जनवरी को चुनाव होगा। एमसीडी की स्थायी समिति में 18 सदस्य होते हैं, जिनमें से 12 ज़ोन से और छह सदन से चुने जाते हैं।

विस्तार

दिल्ली में हुए एमसीडी चुनाव के बाद मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव (Delhi Mayor Election) को लेकर सरगर्मियां तेज हो चली हैं। भाजपा ने एन मौके पर आम आदमी पार्टी के मंसूबों पर पानी फेर दिया। आखिरी दिन भाजपा ने यू-टर्न लेते हुए महापौर पद के लिए रेखा गुप्ता और उप महापौर के लिए कमल बागड़ी को मैदान में उतारा है। इससे पहले भाजपा के कई नेताओं ने मेयर चुनाव न लड़ने के संकेत दिए थे। इधर, भाजपा को पछाड़ देने के बाद ही आप आदमी पार्टी के नेताओं को मेयर चुनाव में ऑपरेशन लोटस का डर सता रहा है। दरअसल, इस चुनाव में क्रॉस वोटिंग के चांस ज्यादा होते हैं। पहले भी चुनावों में क्रॉस वोटिंग होती रही हैं। इस बार देखना होगा कि कितने वोट क्रॉस होते हैं। आप ने शैली ओबरॉय को मेयर और मोहम्मद इकबाल को डिप्टी मेयर का उम्मीदवार बनाया है।

15 सालों से दिल्ली की निगम पर काबिज भाजपा को इस बार निगम चुनावों में हार का मुंह देखना पड़ा है। निगम एकीकरण के बाद पहली बार 250 वार्डों में हुए चुनाव में भाजपा को 104, वहीं आप को 134 सीटें हासिल हुईं। जबकि कांग्रेस पार्टी को महज 9 सीटों पर जीत हासिल हुई। चुनावों में मिली हार के बाद भाजपा ने दिल्ली में मेयर का चुनाव नहीं लड़ने की बात कही थी, लेकिन अब भाजपा ने आम आदमी पार्टी खेल बिगाड़ते हुए अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया है। चुनाव में आम आदमी पार्टी को कड़ी टक्कर देने के लिए भाजपा ने खास रणनीति बनाई है। एमसीडी में भाजपा के पास जीत का जादुई आंकड़ा नहीं है। ऐसे में पार्टी ने एमसीडी में धुरंधर रहे अपने दो नेताओं को चुनावी कमान सौंपी है। जिसमें एक विजेंद्र गुप्ता हैं और दूसरे सुभाष आर्य। एमसीडी सदन में जीत हासिल करने की रणनीति तय करने की जिम्मेदारी विधायक विजेंद्र गुप्ता और सुभाष आर्य को दी है। सुभाष एकीकृत एमसीडी के अलावा दक्षिण दिल्ली नगर निगम में बड़े पदों पर रहे हैं।

भाजपा का अपना दावा, आप को ऑपरेशन लोटस का डर

दिल्ली मेयर को लेकर सात दिसंबर को भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट किया था, ‘अब दिल्ली का मेयर चुनने की बारी है। ये सब इस बात पर निर्भर करेगा कि मुकाबले में कौन कितनी संख्या रखता है। मनोनीत पार्षद किसे वोट करते हैं।  उदाहरण के लिए चंडीगढ़ में भाजपा का मेयर है।’ हालांकि कुछ दिनों पहले ही तत्कालीन दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा था कि एमसीडी चुनाव में आप को बहुमत मिला है। अगला मेयर आम आदमी पार्टी से ही होगा। भाजपा निगम में मजबूत विपक्ष की भूमिका अदा करेगी। तब उन्होंने कहा था कि हम एमसीडी में एक सजग प्रहरी की तरह कोई भ्रष्टाचार नहीं होने देंगे। दिल्ली स्वच्छ हो और एमसीडी अच्छा काम करे, यही हमारी प्राथमिकता होगी। लेकिन भाजपा ने मंगलवार को महापौर और डिप्टी मेयर के नामों का एलान कर इस मामले में यू-टर्न ले लिया है।

इधर, एमसीडी चुनाव नतीजों के बाद आप सांसद संजय सिंह ने कहा था कि भाजपा दिल्ली नगर निगम चुनाव में बहुमत हासिल नहीं करने के बावजूद ये कह रही है कि हम यहां मेयर बनाएंगे, इसका मतलब है कि वह कह रही है कि हम लोकतंत्र की हत्या करेंगे। भाजपा कह रही है कि जिस तरह से हम पूरे देश में खरीद-फरोख्त करते हैं, वही दिल्ली में भी करेंगे। ये तो चोरी और सीनाजोरी वाली बात है। एक ऐसी पार्टी जो खुद को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी कहती है, वह सीना ठोक कर कह रही है कि हम यहां पर खरीद-फरोख्त, हॉर्स ट्रेडिंग और ‘ऑपरेशन लोटस’ करेंगे, भले ही चुनाव में जनता ने हमें हरा दिया हो।

यह है भाजपा और आप के मेयर उम्मीदवार

दिल्ली में मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव 6 जनवरी को होगा। चुनाव में आम आदमी पार्टी की मेयर प्रत्याशी शैली ओबरॉय के सामने भाजपा ने रेखा गुप्ता को चुनाव मैदान में उतारा है। भाजपा की रेखा गुप्ता शालीमार बाग से तीन बार पार्षद पद का चुनाव जीत चुकी हैं। इस बार उन्होंने शालीमार बाग पार्षद चुनाव में आप की इशुप्रीत गुजराल और कांग्रेस की मोना शौकीन को हराया। रेखा गुप्ता इससे पहले भी नगर निगम में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुकी हैं। रेखा गुप्ता ने दिल्ली के दौलत राम कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है। वह दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ की अध्यक्ष और जनरल सेक्रेटरी भी रह चुकी हैं। इसके अलावा रेखा गुप्ता दिल्ली भाजपा संगठन में कई महत्वपूर्ण पदों पर भी काम कर चुकी हैं।

आप मेयर उम्मीदवार शैली ओबरॉय दिल्ली की पटेल नगर विधानसभा के वार्ड नंबर 86 से पार्षद हैं। 39 साल की शैली ओबरॉय पेशे से प्रोफेसर हैं। शैली ओबरॉय ने पीएचडी तक की पढ़ाई की है। पहली बार पार्षद चुनी शैली ओबरॉय ने मात्र 269 वोटों से चुनाव जीता है। उन्होंने पटेल नगर विधानसभा के वार्ड नंबर 86 से भाजपा की दीपाली कपूर को हराया। शैली ओबेरॉय विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में सर्वश्रेष्ठ पेपर पुरस्कार की प्राप्तकर्ता हैं। उन्होंने ICA सम्मेलन में स्वर्ण पदक (प्रोफेसर मनुभाई शाह पुरस्कार) भी जीता है। उन्हें ‘मिस कमला रानी पुरस्कार’ से भी सम्मानित किया गया है।

इन पदों पर भाजपा की संभावना ज्यादा

चुनाव में महापौर और उपमहापौर पद पर भाजपा की जीत की संभावना कम नजर आ रही है। लेकिन वह एमसीडी की महत्वपूर्ण स्थायी समिति के सदस्यों के तीन पदों को जीतने की कोशिश करेगी। महापौर का चुनाव एक गुप्त मतदान के माध्यम से होता है और पार्षद किसी भी उम्मीदवार को वोट देने के लिए स्वतंत्र होते हैं क्योंकि दलबदल विरोधी कानून इस पर लागू नहीं होता है। महापौर के चुनाव के लिए निर्वाचित 250 पार्षद, दिल्ली के 7 लोकसभा और 3 राज्यसभा सदस्य और विधानसभा के 15 विधायक मतदान के पात्र हैं।

दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष ने आप के 13 और भाजपा के एक विधायक को चुनाव में मतदान करने के लिए नामित किया है। महापौर चुनाव के लिए कुल वोट 274 हैं। जिसमें आप के पास 150 और भाजपा के पास 113 हैं। एमसीडी में कांग्रेस के नौ, जबकि दो अन्य निर्दलीय पार्षद हैं। महापौर, उपमहापौर और स्थायी समिति के सदस्यों के लिए छह जनवरी को चुनाव होगा। एमसीडी की स्थायी समिति में 18 सदस्य होते हैं, जिनमें से 12 ज़ोन से और छह सदन से चुने जाते हैं।



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