बदलते मौसम का असर दिल्ली-एनसीआर की हवा पर पड़ा है। बीते 24 घंटे में दिल्ली की हवा बिगड़कर बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है। दिल्ली का औसतन वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 314 दर्ज किया गया। वहीं, एनसीआर के शहरों की हवा खराब श्रेणी के उच्चतम स्तर में दर्ज की गई है। वायु मानक एजेंसियों का पूर्वानुमान है कि अगले दो दिनों तक हवा की गुणवत्ता में बदलाव की संभावना नहीं है।
केंद्र की वायु मानक संस्था सफर इंडिया के मुताबिक प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी 10 फीसदी रही। पीएम 2.5 से बड़े कणों की पीएम 10 में 57 फीसदी हिस्सेदारी दर्ज की गई। पीएम 10 का स्तर 203 व पीएम 2.5 का स्तर 141 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर दर्ज किया गया। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के मुताबिक, पंजाब में 368 जगहों पर पराली जलने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। वहीं, हरियाणा में 32, उत्तर प्रदेश में 168, मध्य प्रदेश में 556 व राजस्थान में 15 जगहों पर पराली जलने की घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं। हालांकि, दिल्ली में एक भी स्थान पर पराली नहीं जली है।
सतही हवा के साथ पहुंच रहा पराली का धुआं मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, मौसम में लगातार बदलाव हो रहा है। रात के तापमान में गिरावट आ रही है। वहीं, इस समय हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम की ओर बनी हुई है। ऐसे में सतही हवाओं के साथ पराली का धुआं दिल्ली-एनसीआर तक पहुंच रहा है। साथ ही स्थानीय स्तर पर होने वाले प्रदूषक तापमान कम होने और हवा की रफ्तार कम होने की वजह से जम रहे हैं, जिससे प्रदूषण को बढ़ने में मदद मिल रही है।
12 किमी प्रतिघंटा रही हवा की रफ्तार भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) के मुताबिक, बीते 24 घंटे में हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम रहने के साथ हवा की रफ्तार छह से 12 किलोमीटर प्रतिघंटा रही। साथ ही मिक्सिंग हाइट का स्तर 1200 मीटर व वेंटिलेशन इंडेक्स 5500 वर्ग मीटर प्रति सेकेंड रहा। विभाग का पूर्वानुमान है कि अगले 24 घंटे में हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम रहने के साथ रफ्तार छह किलोमीटर प्रतिघंटा रहने की संभावना है।
बदलते मौसम का असर दिल्ली-एनसीआर की हवा पर पड़ा है। बीते 24 घंटे में दिल्ली की हवा बिगड़कर बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है। दिल्ली का औसतन वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 314 दर्ज किया गया। वहीं, एनसीआर के शहरों की हवा खराब श्रेणी के उच्चतम स्तर में दर्ज की गई है। वायु मानक एजेंसियों का पूर्वानुमान है कि अगले दो दिनों तक हवा की गुणवत्ता में बदलाव की संभावना नहीं है।
केंद्र की वायु मानक संस्था सफर इंडिया के मुताबिक प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी 10 फीसदी रही। पीएम 2.5 से बड़े कणों की पीएम 10 में 57 फीसदी हिस्सेदारी दर्ज की गई। पीएम 10 का स्तर 203 व पीएम 2.5 का स्तर 141 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर दर्ज किया गया। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के मुताबिक, पंजाब में 368 जगहों पर पराली जलने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। वहीं, हरियाणा में 32, उत्तर प्रदेश में 168, मध्य प्रदेश में 556 व राजस्थान में 15 जगहों पर पराली जलने की घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं। हालांकि, दिल्ली में एक भी स्थान पर पराली नहीं जली है।