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डूटा चुनाव में भाजपाई शिक्षक संगठन के सामने ताल ठोकने के लिए कई शिक्षक संगठन एकजुट
अमर उजाला ब्यूरो
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजनीति की तर्ज पर दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ चुनाव (डूटा) के लिए विपक्षी खेमे ने एक नया मोर्चा (डीयूटीए) बनाया है। डेमोक्रेटिक यूनाइटेड टीचर्स एलायंस ने भाजपा समर्थित एनडीटीएफ (नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट) के उम्मीदवार डॉ ए.के भागी के सामने अपने संयुक्त उम्मीदवार डॉ. आदित्य नारायण मिश्रा को मैदान में उतारा है। वर्तमान में डॉ. मिश्रा आम आदमी पार्टी के शिक्षक संगठन एएडीटीए के राष्ट्रीय प्रभारी हैं। वह तीन बार (वर्ष 2003-2007) तक डूटा के अध्यक्ष रह चुके हैं।
डॉ. मिश्रा दो बार सारे केंद्रीय विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ के अध्यक्ष (2003-2007) व डूटा के सचिव, डीयू के अकादमिक काउंसिल (एसी) व ईसी (कार्यकारी परिषद) के सदस्य भी रहे हैं। राष्ट्रीय राजनीति में विपक्ष एकजुटता की तरह ही शिक्षक संगठनों के रूप में विपक्ष खेमे के संगठन एक हो गए हैं। डू़टा वर्तमान में भाजपाई शिक्षक संगठन एनडीटीएफ पर कब्जा जमाए है। 27 सितंबर को होने वाले शिक्षक संघ चुनाव में एनडीटीएफ को टक्कर देने के लिए चुनाव के लिए बनाए गए नए मोर्चे डीयूटीए में डीटीएफ, एएडीटीए, इंटेक, सीटीएफ, डीटीआई, आईटीएफ-एसजे, एसएसएम शामिल हैं।
डॉ. आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा कि शिक्षा का बजट कम किया जा रहा है। तदर्थ और अस्थायी शिक्षक बिना नौकरी के हैं। बड़ी संख्या में शिक्षकों का विस्थापन हो रहा है, शिक्षकों को पेंशन नहीं मिल रही है, शिक्षा का निजीकरण किया जा रहा है। डूटा को एक शिक्षक समूह के रूप में दोबारा स्थापित करने की आवश्यकता है। इसलिए यह संगठन बनाकर संयुक्त उम्मीदवार बनाया गया है। मालूम हो कि डूटा के चुनाव प्रत्येक दो साल में होते हैं। वर्ष 2021 में 24 साल बाद एनडीटीएफ ने चुनाव जीता था।
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