Delhi News: नौकरी लगवाने के नाम पर एक हजार लोगों से छह करोड़ ठगे

[ad_1]

नौकरी लगवाने के नाम पर एक हजार लोगों से छह करोड़ ठगे

खाड़ी देशों और मलयेशिया भेजने का देते थे झांसा, गिरोह सरगना समेत सात गिरफ्तार

आरोपियों में दो सगे भाई भी शामिल, दिल्ली, नोएडा और बिहार में बनाए थे दफ्तर

110 पासपोर्ट, आठ लैपटॉप, 12 मोबाइल फोन, भारी मात्रा में अन्य सामान बरामद

अमर उजाला ब्यूरो

नई दिल्ली। खाड़ी देशों और मलयेशिया समेत अन्य मुल्कों में नौकरी दिलवाने का झांसा देकर ठगी करने वाले एक गिरोह का अपराध शाखा ने खुलासा किया है। पुलिस ने गिरोह सरगना और उसके भाई समेत सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने देशभर के 1000 से ज्यादा लोगों से छह करोड़ से अधिक की ठगी की है।

आरोपियों की पहचान गिरोह सरगना इनामुल हक अंसारी (32), इसका छोटा भाई इकराम मुजफ्फर (19), ताबिश हासमी उर्फ विक्रांत (26), मो. तबरेज आलम (26), तारिक शम्स (26), महेश कुमार (28) और सोमनाथ कुमार (26) के रूप में हुई है। अधिकतर आरोपी बिहार के अलग-अलग जिलों के रहने वाले हैं। तारिक शम्स बिट्स भोपाल से बीटेक पास है जबकि इनामुल हक ने भी बीटेक में दाखिला लेकर पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। पुलिस ने आरोपियों के पास से पीड़ितों के 110 पासपोर्ट, वारदात में इस्तेमाल आठ लैपटॉप, 12 मोबाइल और भारी मात्रा में अन्य सामान बरामद किया है। आरोपियों ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर शेल कंपनियां बनाई थी। इनमें ठगी की रकम मंगाई जाती थी। इसके अलावा इन लोगों ने नौकरीडॉटकॉम जैसी कई दूसरी वेबसाइट पर खुद को रजिस्टर्ड कराया था। सोशल मीडिया के जरिये आरोपी विज्ञापन देखकर बेरोजगारों को अपने जाल में फंसाते थे।

अपराध शाखा को विशेष आयुक्त रविंद्र सिंह यादव ने बताया कि सोशल मीडिया के जरिये कुछ लोगों ने विज्ञापन देखकर खाड़ी देशों और मलयेशिया समेत दूसरे मुल्कों में नौकरी के लिए आवेदन दिया था। इसके बाद महिपालपुर स्थित ‘न्यू विजन इंटरप्राइजेज कंपनी’ से कॉल और ईमेल आई। आरोपियों ने पीड़ितों से वीजा, मेडिकल चेकअप और समेत दूसरे कामों के लिए 60 हजार रुपये साथ कागजात जमा करा लिए। इसके बाद आरोपियों ने अपने-अपने मोबाइल नंबर बंद कर दिए। शिकायतें मिलने के बाद शाखा ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।

ज्यादातर शिकायतकर्ता केरल से

यादव ने बताया कि ज्यादातर शिकायतकर्ता केरल से हैं। जांच के बाद गठित टीम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, टेक्निकल सर्विलांस के अलावा दूसरे मीडिया प्लेटफॉर्म की जांच के बाद आरोपियों की पहचान की। पुलिस ने इनामुल हक अंसारी को जामिया नगर के जाकिर नगर से दबोच लिया। इसके बाद अन्य आरोपियों को दिल्ली के दूसरे इलाकों से गिरफ्तार कर लिया गया। इनामुल हक ने बताया कि वह छह सालों से लोगों को विदेश भेजने के नाम पर ठग रहा था।

फर्जी दस्तावेज के आधार पर बनाईं शेल कंपनियां

आरोपियों ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर शेल कंपनियां बनाने के अलावा बैंक खाते खुलवाए थे। सोशल मीडिया पर विज्ञापन देखने के बाद आरोपी इनको कॉल करते थे। इनके दफ्तर में बैठे टेलीकॉलर वर्क परमिट के नाम पर इनसे 60 हजार की डिमांड करते थे। रुपये अपने खातों में ट्रांसफर करवाने के बाद कई खातों में घुमाकर उनको निकाल लिया जाता था। ताबिश इनामुल का करीबी ताबिश टेलीकॉलर का काम करता था। तारिक शम्स टीम को टेक्निकल सपोर्ट देता था। महेश और सोमनाथ खुद को अलग-अलग कंपनी के मालिक बताते थे।

इस नाम से यहां बनाया था ऑफिस

– स्काई नेट मोती नगर, दिल्ली, वर्ष -2018

– वर्ल्ड डेस्टिनेशन, तैमूर नगर, न्यू फ्रेंड्स काॅलोनी, दिल्ली, वर्ष-2019

– इल्मा इंटरप्राइजेज, दरभंगा, बिहार, वर्ष-2020

– अफेयर्स इंटरप्राइजेज, कीर्ति नगर, दिल्ली, वर्ष-2021

– न्यू विजन इंटरप्राइजेज, महिपालपुर, दिल्ली, वर्ष-2022

– लाइफ लाॅन्ग ट्रैवल, सेक्टर-तीन, नोएडा, वर्ष-2023

– आरवी इंटरप्राइजेज, द्वारका, दिल्ली, वर्ष-2023

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *