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सीएम के घर पर घमासान : विरोध उग्र होता देखकर पुलिस ने हिरासत में लिया, बाद में छोड़ा
आप बाेली-पुलवामा और अडाणी समेत देश के गंभीर मुद्दों से ध्यान भटका रही है भाजपा
कहा-आजादी से पहले बने मकान के जर्जर होने पर जरूरत के हिसाब से मरम्मत करवाई
अमर उजाला ब्यूरो
नई दिल्ली। मुख्यमंत्री निवास के सौंदर्यीकरण पर बुधवार को सियासी घमासान मचा रहा। सड़क पर उतरकर दिल्ली प्रदेश भाजपा ने मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोला। मुख्यमंत्री आवास के नजदीक तख्तियां लेकर प्रदर्शन कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की और मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगा। भाजपा का कहना था कि मुख्यमंत्री ने 45 करोड़ रुपये कोविड काल में सौंदर्यीकरण पर खर्च किए। ऐसे असंवेदनशील मुख्यमंत्री को पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। प्रदर्शन को उग्र होता देख भाजपा नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। मामला शांत होने पर पुलिस ने सभी प्रदर्शनकारियों को छोड़ दिया। उधर, आम आदमी पार्टी ने पूरे मसले काे साजिश करार देते हुए आरोप लगाया कि पुलवामा और अडाणी समेत देश के गंभीर व बड़े मुद्दों से ध्यान भटकाने की भाजपा कोशिश कर रही है। आजादी से पहले बने मकान के जर्जर हो जाने पर जरूरत के हिसाब से मरम्मत करवाई गई थी।
इससे पहले मुख्यमंत्री आवास पर प्रदर्शन करने पहुंचे प्रदेश भाजपा के महामंत्री कुलजीत सिंह चहल ने कहा कि कोविड के दौर में मुख्यमंत्री के आवास के जीर्णोद्धार पर 45 करोड़ का खर्च यह दर्शाता है कि वे कितने संवेदनहीन हैं। जनता का पैसा उस समय खर्च किया, जब लोग ऑक्सीजन, दवाओं और अस्पताल में बेड की कमी के कारण मर रहे थे। चहल ने कहा कि 45 करोड़ रुपये का आंकड़ा भी वास्तविक नहीं है, बल्कि 100 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। स्वीमिंग पूल के निर्माण पर ही 11 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष विजय गोयल ने कहा कि कभी किसी मुख्यमंत्री को अपने सरकारी बंगले को महल में तब्दील करने के लिए जनता के पैसे की बर्बादी करते नहीं देखा। केजरीवाल को उनकी असंवेदनशीलता के लिए कभी दिल्ली की जनता माफ नहीं करेगी। प्रदर्शन के दौरान जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी, विनोद बचेती, कुलदीप सिंह और लता गुप्ता ने मुख्यमंत्री निवास के बाहर पुलिस घेरा तोड़ दिया, इसके बाद पुलिस उन्हें बुराड़ी और सिविल लाइंस थाने ले गई। बाद में छोड़ दिया गया।
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