Dengue: महिला ग्राम विकास अधिकारी के पति की बुखार से गाजियाबाद में मौत, परिवार में शोक व्याप्त

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Woman village development officer husband dies of fever in Ghaziabad

मृतक अरविंद कुमार बघेल
– फोटो : फाइल फोटो

विस्तार


हाथरस के हसायन विकास खंड कार्यालय पर तैनात महिला ग्राम विकास अधिकारी के पति की डेंगू से गाजियाबाद के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में मौत हो गई। बुखार से हुई मौत के बाद स्थानीय ब्लाक कर्मियो में मातम छा गया। ब्लाक कार्यालय व ब्लाक क्षेत्र की विभिन्न ग्राम पंचायतों के सह कर्मियों में महिला ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के पति के अचानक निधन को लेकर शोक की लहर दौड़ गई।

मीनू बघेल विकासखंड कार्यालय पर ग्राम विकास अधिकारी के रूप में तैनात है। उनके 32 वर्षीय पति अरविंद कुमार बघेल अलीगढ जनपद के थाना अकराबाद के गांव गोपी के निकट भीमपुर हरीपुर के रहने वाले थे। वह वर्तमान में अलीगढ़ में एटा चुंगी के निकट सरोजनगर के गली संख्या पांच में रहते थे। ब्लाक स्तरीय अधिकारी एडीओ पंचायत प्रेमकिशोर यादव के मुताबिक अरविंद कुमार बघेल अपनी पत्नी मीनू बघेल के साथ ब्लाक क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में उनके साथ उनको वाहन से लाने-ले जाने के लिए आते-जाते थे। 

पिछले सप्ताह 27 अक्तूबर को ग्राम पंचायत गिरधरपुर,अमौसी में तैनात ग्राम विकास अधिकारी मीनू बघेल के पति अरविंद कुमार बघेल को बुखार आया। परिजन ने अरविंद कुमार को अलीगढ़ के वरूण हॉस्पीटल में भर्ती कराया। वहां पर उपचार व जांच के दौरान रक्त प्लेटलेटस कम पाई गईं। कुछ दिन जब अरविंद कुमार की हालात में सुधार नहीं आया। उनको वहां से गाजियाबाद के जसोदा हॉस्पीटल में उपचार के लिए ले गए। उपचार के दौरान अरविंद कुमार को चिकित्सकों ने डेंगू बुखार के चपेट में आने की जानकारी दी।

जांच रिपोर्ट व उपचार के दौरान अरविंद की हालात और बिगड़ती गई। आखिरकाल 2 नवंबर को अरविंद कुमार बघेल की गाजियाबाद में मृत्यु हो गई। जैसे ही ब्लाक व क्षेत्र के ग्राम पंचायत में तैनात सहकर्मी, अधिकारी के अलावा प्रधानों को हुई, उन्होंने शोक व्यक्त किया। सभी ने अलीगढ़ पहुंचकर शोक श्रंद्वाजंलि अर्पित कर ईश्वर से दिवंगत आत्मा को चरणों में स्थान देने व परिजनों को धैर्य प्रदान करने की कामना की। ग्राम विकास अधिकारी मीनू बघेल के पति की असमायिक हुई मृत्यु से परिवार में शोक व्याप्त हो गया। अरविंद बघेल ने मां-बाप, पत्नी-पुत्र, छोटे भाई-बहनों को रोता-बिलखता छोड़ा है।

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