Dev Uthani Ekadashi 2022 LIVE Updates: कल है देवउठनी एकादशी, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, पारण का समय

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देवउठनी एकादशी 2022 शुभ मुहूर्त

एकादशी तिथि 03 नवंबर को शाम 07 बजकर 30 मिनट से शुरू होगी, जो कि 04 नवंबर को शाम 06 बजकर 08 मिनट पर समाप्त होगी.

देवउठनी एकादशी व्रत पारण का समय

देवउठनी एकादशी व्रत तोड़ने का शुभ समय 05 नवंबर को सुबह 06 बजकर 36 मिनट से सुबह 08 बजकर 47 मिनट तक है. पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय – 05:06 pm तक है.

देवउठनी एकादशी तारीख, शुभ मुहूर्त

एकादशी तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 03, 2022 को शाम  07 बजकर 30 मिनट से शुरू
एकादशी तिथि समाप्त – नवम्बर 04, 2022 को शाम 06 बजकर 08 मिनट पर खत्म
पारण (व्रत तोड़ने का) समय – नवम्बर 05, 2022 को सुबह 06 बजकर 36 मिनट से 08 बजकर 47 मिनट तक
पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय – 05:06 शाम तक है.

देवउठनी एकादशी का महत्व

मान्यता है कि एकादशी का व्रत करने वालों के पितृ मोक्ष को प्राप्त कर स्वर्ग में चले जाते हैं. एकादशी का व्रत करने वालों के पितृपक्ष के दस पुरुष, मातृपक्ष के दस पुरुष और दूसरे पितृजन बैकुण्ठवासी होते हैं. एकादशी का व्रत यश, कीर्ति , वैभव, धन, संपत्ति और संतान को उन्नति देने वाला है.

भगवान की पूजा करके घंटा, शंख, मृदंग आदि वाद्य यंत्रों के साथ निम्न मंत्रों का जाप करें-

उत्तिष्ठोत्तिष्ठ गोविंद त्यज निद्रां जगत्पते।त्वयि सुप्ते जगन्नाथ जगत् सुप्तं भवेदिदम्।।
उत्तिष्ठोत्तिष्ठ वाराह दंष्ट्रोद्धृतवसुंधरे।
हिरण्याक्षप्राणघातिन् त्रैलोक्ये मंगलं कुरु।।

भगवान की आरती करें और फूल अर्पण करके निम्न मंत्रों से प्रार्थना करें-

इयं तु द्वादशी देव प्रबोधाय विनिर्मिता।
त्वयैव सर्वलोकानां हितार्थं शेषशायिना।।
इदं व्रतं मया देव कृतं प्रीत्यै तव प्रभो।
न्यूनं संपूर्णतां यातु त्वत्वप्रसादाज्जनार्दन।।

तुलसी पूजा

सबसे अहम बात है कि इसी दिन भगवान शालीग्राम के साथ तुलसी मां का आध्यात्मिक विवाह भी होता है. लोग घरों में और मंदिरों में ये विवाह करते हैं.इस दिन तुलसी की पूजा का महत्व है. शालीग्राम और तुलसी की पूजा से पितृदोष का शमन होता है.

देवउठानी एकादशी व्रत के लाभ (Devuthani Ekadashi Vrat Benefits)

कहते हैं कि जो व्यक्ति देवउठानी एकादशी का व्रत सच्चे दिल और श्रद्धापूर्वक रखता है उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं. इस दिन सिर्फ निर्जन या केवल जलीय पदार्थों पर ही उपवास रखा जाता है. अगर आप इस दिन निर्जल व्रत नहीं रखते, तो इस दिन चावल, प्याज, लहसुन, मांस, मदिरा, बासी भोजन आदि का सेवन भूलकर भी न करें.

Tulsi-Shaligram Vivaah 2021: तुलसी जी का भगवान शालिग्राम के साथ विवाह

इसी दिन तुलसी जी का भगवान शालिग्राम के साथ विवाह (Tulsi-Shaligram Vivaah) हुआ था. कहते हैं कि भगवान विष्णु को तुलसी बेहद प्रिय हैं और वो मां लक्ष्मी का ही रूप है.

शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य होंगे शुरू

देवउठनी से भगवान विष्णु पूरी सृष्टि का कार्यभार संभालेंगे और इसी दिन से शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य भी शुरू हो जाएंगे, जिस दिन भगवान विष्‍णु जागते हैं उस दिन सभी भक्त उनकी पूजा अर्चना करते हैं.

देवउठनी एकादशी 2022 मुहूर्त (Dev uthani ekadashi 2022 Muhurat)

कार्तिक शुक्ल देवउठनी एकादशी तिथि शुरू – 3 नवंबर 2022, शाम 7.30 कार्तिक शुक्ल एकादशी तिथि समाप्त – 4 नवंबर 2022, शाम 06.08 देवउठनी एकादशी व्रत पारण समय – सुबह 06.39 – सुबह 08.52 (5 नवंबर 2022)

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