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Dhanteras 2023: पंचांग के अनुसार धनतेरस कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है धन तेरस को अलग अलग नाम से जाना जाता है इन्हें कही धनतेरस, धन्वंतरी जयंती के नाम से भी जानते है इस दिन आयुर्वेद चिकित्सक पद्धति के जनक कहे जाने वाले धन्वंतरी देव इसी दिन समुन्द्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रगट हुए थे इसलिए इस दिन को धनतेरस यानी धन्वंतरी कहा जाता है. इस दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है क्योंकि धन्वंतरी देव समुन्द्र मंथन से जब प्रगट हुए तब उनके हाथ में अमृत से भरा कलश था इसलिए इस दिन बर्तन खरीदा जाता है. इस दिन से दीपावली की शुरुआत हो जाती है
धनतेरस पूजा का शुभ मुहुर्त
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10 नवंबर दिन शुक्रवार संध्या 05:21 मिनट से 07:18 मिनट तक रहेगा
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कुल अवधि 01:57 मिनट
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त्रयोदशी तिथि का आरंभ 10 नवंबर 2023 दोपहर 12:35 से
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त्रयोदशी तिथि का समाप्त 11 नवम्बर 2023 दोपहर 01 :57 तक
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प्रदोष काल संध्या 05:03 से 07:39 संध्या तक रहेगा .
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वृषभ काल संध्या 05 :21 से 07:18 संध्या तक रहेगा .
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यम का दीप 10 नवम्बर 2023 दिन शुक्रवार को मनाया जायेगा
धनतेरस पर क्या खरीदे क्या नहीं खरीदे
इस दिन सोना, चांदी, पीतल खरीदना चाहिए, धनिया तथा झाडू खरीदना शुभ माना जाता है . इस दिन काले रंग की वस्तु, कांच से बनी वस्तु ,चीनी मिट्टी से बनी वस्तु लोहे तथा अलमुनियम से बने हुए वस्तु की खरीदारी नहीं करें.
धनतेरस के दिन झाडू का खरीदारी क्यों करना चाहिए
धनतेरस के दिन झाडू खरीदने के पीछे जुड़ी मान्यता के अनुसार इससे घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है आपके घर के नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाते है. इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न रहती है घर में धन-धन्य में वृद्धि होगा. झाडू विषम संख्या में खरीदें.
इस दिन शंख का पूजन करने का विशेष महत्व है
कहा जाता है भगवान धन्वंतरी देव भी समुंद्र मंथन से प्रगट हुए थे शंख भी समुंद्र से प्रगट हुए है शंख को भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है कार्तिक मास में भगवान विष्णु का विशेष पूजन किया जाता है इसलिए शंख का पूजन करे धन का लाभ होगा याद रखे शंख का पूजन करें लेकीन शंख को अपने पूजन में बजाए नहीं इससे भगवान विष्णु नाराज होते है.
धनतेरस के दिन धन्वंतरि और धन की देवी लक्ष्मी माता की पूजा की जाती है. इस दिन स्वास्थ्य, समृद्धि और कल्याण की कामना की जाती है. माना जाता है कि देवी लक्ष्मी की पूजा करने और धनतेरस या धनत्रयोदशी पर नई चीजें लाने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इसी दिन से पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत हो जाती है.
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847
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