[ad_1]

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के स्थाई सदस्य कामेश्वर चौपाल
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
14 वर्ष वनवास के बाद भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने की खुशी में हर साल मनाई जाने वाली दिवाली इस साल 12 नवंबर को है। घर से बाजार तक इसकी तैयारी दिख रही है। 14 साल के वनवास से वापसी पर इतनी बड़ी दिवाली हर साल लोग मनाते हैं तो सोच लीजिए कि 500 साल बाद अपनी जन्मभूमि पर भगवान राम के लौटने की खुशी में कैसी दीपावली मनाई जाएगी! उसी कल्पना को साकार करने के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के आजीवन सदस्य और 9 नवंबर 1989 को इस मंदिर के शिलान्यास में पहली ईंट रखने वाले कामेश्वर चौपाल ने ‘अमर उजाला’ से तैयारियों पर विस्तृत बातचीत की।
कल 50 प्रांतों की अयोध्या में बैठक
रविवार को अयोध्या में 22 जनवरी की तैयारी के लिए अहम बैठक है। इसमें विश्व हिंदू परिषद् के 50 प्रांतों के प्रतिनिधि रहेंगे। सभी एक से 15 जनवरी तक चलने वाले महा-अभियान की तैयारी के लिए जुट रहे हैं। शनिवार को अयोध्या के लिए निकलने से पहले श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया कि सभी 50 प्रातों के प्रतिनिधियों को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर से निकला पांच-पांच किलो अक्षत दिया जाएगा। यह सभी अक्षत लेकर निकलेंगे। जैसे सामान्य जल में गंगा जल की बूंदें सभी को गंगा जल में बदल देती हैं, उसी तरह प्रांत में प्रभारी अपने हिसाब से अरवा चावल लेकर भगवान के मंदिर से आए इस अक्षत में मिलाकर मात्रा बढ़ा लेंगे। फिर यह अक्षत जिलों-मंडलों के जरिए गांव-गांव तक पहुंच जाएगा। विचार परिवार (विश्व हिंदू परिषद्, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आदि एक विचार के संगठन) के सदस्य एक से 15 जनवरी तक इस अक्षत को अपने-अपने इलाके में घर-घर तक पहुंचाएंगे।
अक्षत के जरिए दीपावली का संदेश
अक्षत के माध्यम से 1 से 15 जनवरी तक हर एक घर में जाकर निमंत्रित करेंगे कि आप सभी लोग 22 जनवरी को प्रत्यक्ष रूप में अयोध्या में उपस्थित नहीं हो सकते हैं, इसलिए यहां से भी उस संकल्प में अपना योगदान कर अपनी आस्था दिखाएं। लोगों को बताया जाएगा कि आसपास में जो भी देव स्थल या मंदिर या मठ हों तो उन देवस्थलों को सजाएं। सभी लोगों को एकत्रित करें और अयोध्या का लाइव प्रसारण दिखाएं और देखें। फिर वहां प्रसाद वितरण कराएं। शाम में सभी लोग ऐसी दीपावली मनाएं, जिससे लगे कि हम भगवान श्रीराम के 500 वर्षों बाद जन्मभूमि पर वापसी की खुशी मना रहे हों। इस तरह का वातावरण बनाएं कि सिर्फ अयोध्या ही राममय नहीं हो, बल्कि पूरे भारतवर्ष के अंदर राममय वातावरण बन जाए।
बिहार में दो प्रांत हैं, बाकी का भी जानें
सरकारी संरचना में बिहार एक राज्य या प्रांत है, लेकिन संघ-विहिप में संगठन के दृष्टिकोण से बिहार में दो प्रांत हैं- गंगा से उत्तर, उत्तर बिहार और गंगा से दक्षिण, दक्षिण बिहार। बड़े प्रांतों को दो-तीन और चार भागों में बांटा गया है। इसी तरह उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान जैसे राज्यों में तीन-चार प्रांत हैं। ऐसे ही 50 प्रांतों की बैठक बुलाई गई है। रविवार को अयोध्या में होने वाली बैठक में अक्षत वितरण से लेकर पूरे भारत में 22 जनवरी 2024 के श्रीराम मंदिर शुभारंभ के लाइव शो और दीपावली की विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
22 जनवरी को अपने ही इलाके को अयोध्या बनाएं
दरअसल, 22 जनवरी को होने वाला कार्यक्रम संतों के द्वारा नियंत्रित होगा। इस कार्यक्रम में देश के लगभग 6000-6500 विशिष्ट लोग रहेंगे। देश के सभी मतपंथ संप्रदाय के 4000 संत उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा विज्ञान, कला, संगीत, समाज, साहित्य जैसी अलग-अलग विधाओं के महारती लोग जुटेंगे। जितने लोग राम जन्मभूमि के संघर्ष में शहीद हुए हैं, उनके परिवार के लोग भी उसमें रहेंगे। इस प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद 45 दोनों का फिर भव्य आयोजन किया होगा, जिसमें हर एक प्रांत से राम जन्मभूमि के संघर्ष में करने वाले कार्यकर्ताओं को बुलाया जाएगा। उन लोगों का सम्मान भी करेंगे। सभी लोगों को मंदिर और 22 जनवरी के प्रोग्राम का फोटो भी भेंट करेंगे। इसलिए, फिलहाल अपील यही है कि 22 जनवरी को अयोध्या नहीं आएं, जगह भी कम है औ ठंड भी रहेगी। अपने ही इलाके में अयोध्या जैसा उत्साहित माहौल बना लें।
[ad_2]
Source link