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आरपीएफ के आर.वर्मा ने कहा कि डॉग डॉन जब आरपीएफ में लाया गया, तब इसकी उम्र दो महीने थी। वर्ष 2016 में वह रेलवे सुरक्षा बल के डॉग स्क्वायड में शामिल हुआ। तमिलनाडु में छह महीने तक डॉन को विशेष प्रशिक्षण दिलाया गया। डॉन ने आरपीएफ के कई मामलों में मदद की। डकैती और चोरी के मामलों में उसका इस्तेमाल किया गया। डॉन की मदद से कई आपराधिक मामलों को खुलासा हुआ। कई अपराधी पकड़वाए।
आरपीएफ डॉग स्क्वायड के एएसआई आरजी वर्मा ने बताया कि बीते कुछ दिनों से ‘डॉन’ की रीढ़ की हड्डी में कुछ दिक्कत हो गई, जिसके कारण वह दौड़ नहीं पाता। उसे कूदने में भी परेशानी होती है।
आरपीएफ के डॉग डॉन को 31 अगस्त 2025 में रिटायर होना था, लेकिन रीढ़ की हड्डी के कारण उसे 12 सितंबर 2022 को मेडिकली अनफिट कर दिया। इसके बाद मंगलवार को इसकी नीलामी कर दी गई।
मथुरा के गोवर्धन चौराहा निवासी वरुण सक्सेना ने 10500 रुपये में डॉन को खरीदा है। वरुण ने बताया कि ट्रेंड डॉग पाकर वे बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा कि डॉन को अपने परिवार के सदस्य की तरह रखेंगे।
आरपीएफ के श्वान दस्ते ने नीलामी के बाद डॉग डॉन को भावुक विदाई दी। डॉन को फूलों की माला पहनाई गई। उनका कहना था कि सात साल की सेवा के बाद डॉन को अब नया घर मिल गया है।
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