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पीड़ित महिला चंद्रकला देवी और आरोपी पति गोपाल मंडल
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
युवक की शादी हुई। पत्नी के ससुराल आते ही पति की किस्मत चमक गई। उसकी पुलिस में नौकरी लग गई। पति की नौकरी लगने के तीन साल तक सब कुछ ठीक-ठाक रहा। इस दौरान एक बेटी भी हुई, जो अभी छह साल की है। वहीं, नौकरी लगते ही युवक और उसके परिवार का रंग-ढंग बदल गया। विवाहिता से दहेज की मांग होने लगी और प्रताड़ना का दौर शुरू हो गया। इसी बीच उसे जहर देकर जान मारने की भी कोशिश हुई। लेकिन वह बच गई। अब मामला कोर्ट-कचहरी में चल रहा है और विवाहिता न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही है। यह पूरा मामला भागलपुर के तातारपुर थाना के कंपनी बाग का है। यह औरंगाबाद से इस कारण जुड़ा है, क्योंकि विवाहिता का पति औरंगाबाद के पुलिस अधीक्षक के आवास पर कार्यरत है।
विवाहिता ने रो-रो कर सुनाया दुखड़ा
मामले को लेकर औरंगाबाद की पुलिस कप्तान स्वपना गौतम मेश्राम से न्याय की गुहार लगाने आई पीड़िता चंद्रकला देवी ने रोते-बिलखते हुए बताया कि उसका मायका भागलपुर के नाथनगर थाना क्षेत्र के पुरानी सराय में है। वह राधारमण मंडल की बेटी है। उसकी शादी 20 मई 2013 को भागलपुर के तातारपुर थाना के कंपनी बाग निवासी दिनेश मंडल के बेटे गोपाल मंडल के साथ हुई थी।
पति की लगी नौकरी और बदल गया रंग-ढंग
पीड़िता ने बताया कि शादी के तीन साल बाद 2016 में बिहार पुलिस में सिपाही के पद पर नौकरी लग गई। नौकरी लगने के बाद पति और ससुराल वालों का रंग ढंग बदल गया। उसे दहेज की मांग को लेकर ससुरालियों द्वारा प्रताड़ित किया जाने लगा। दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर 21 अप्रैल 2019 को उसे जहर खिलाकर मारने का प्रयास किया गया, लेकिन वह बच गई।
मामले की दर्ज कराई प्राथमिकी
इसके बाद पीड़िता ने भादंवि की धारा 323, 328, 498ए, 34 और 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत तातारपुर थाना में प्राथमिकी संख्या-104/2019 दर्ज करा दी। इस मामले में जमानत के लिए पति ने पटना उच्च न्यायालय में दायर अर्जी में कहा कि वह पत्नी को ससम्मान अपने साथ रखेगा। इस आधार पर हाइकोर्ट ने पत्नी को साथ रखने का निर्देश देते हुए दो माह की औपबंधक जमानत दे दी।
घर ले जाने की बात कहकर कोर्ट में छोड़ गया पति
पति ने 16 अगस्त 2022 को कोर्ट में झूठ बोला कि वह पत्नी को घर ले जा रहा है। लेकिन वह उसे घर ले जाने के बजाय कोर्ट में ही छोड़ गया। उसने कहा कि मेरी एक छह साल की बेटी है, जिसका भरण-पोषण करने में वह समर्थ नहीं है। पति न मुझे और न ही बेटी को अपने साथ रखता है। न तो किसी तरह का खर्च देता है और न ही न्यायालय का आदेश मानता है। इसी वजह से उसने एसपी को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है।
मामले की जांच कर की जाएगी कार्रवाई
मामले में एसपी स्वपना गौतम मेश्राम ने कहा कि महिला ने शिकायती आवेदन दिया है। शिकायत की जांच की जिम्मेवारी पुलिस लाइन के मेजर को दी गई है। जांच रिपोर्ट के आलोक में आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं, मामले में पीड़िता के पति गोपाल मंडल ने कहा कि मामला कोर्ट में है। कोर्ट का जो आदेश आएगा, वह उसका पालन करेगा।
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