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मुरादाबाद में रावण का जलता पुतला
– फोटो : अमर उजाला
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श्री रामलीला मैनेजिंग कमेटी की ओर से लाइनपार रामलीला मैदान में कलाकारों ने मंगलवार को राम-रावण युद्ध, रावण वध प्रसंग का मंचन किया। इसके बाद दशहरा मनाया गया। राम-रावण का युद्ध अब अंतिम चरण में था। युद्ध क्षेत्र में रावण और राम अपने-अपने रथों पर एक-दूसरे के सामने थे।
राम ने रावण पर अनेक बाणों से प्रहार किया, लेकिन रावण का अंत नहीं हुआ। तब विभीषण ने भगवान राम को बताया कि रावण की नाभि में अमृत का वास है। भगवान राम ने अग्निबाण से रावण की नाभि का अमृत सुखा दिया। राम के तरकश से निकले तीर ने रावण का सिर धड़ से अलग कर दिया।
युद्ध भूमि में राम की जय-जयकार होने लगती है। आकाश से देवता फूल बरसाते हैं और धरती रावण के आतंक से मुक्त हो जाती है। ऐसा ही नजारा मंगलवार करो रामलीला मैदान लाइनपार में देखने को मिला। रंगीन लाइटों से जगमग रामलीला में श्रद्धालु भगवान राम का जयघोष कर रहे थे।
मैदान में रावण का पुतला जल रहा था। इस दौरान मंत्री राजीव बंसल, अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार अग्रवाल, कोषाध्यक्ष अतुल अग्रवाल, संदीप बंसल, प्रकाश अग्रवाल, जगदीप अग्रवाल, रोहित बंसल, अंशुल अग्रवाल, मयंक बंसल आदि मौजूद रहे।
अस्थियों को बीनने की मची आपाधापी
रावण दहन के बाद दर्शकों में सबसे ज्यादा बैचेनी रावण की अस्थियों को बीनने की रही। अस्थियां बीनने की जल्दबाजी में आपाधापी का माहौल बन गया। लोगों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी। हालांकि पुलिस प्रशासन के चौकस होने की वजह से माहौल शांतिपूर्ण रहा। आग से कोई नुकसान न हो, इसके लिए अग्निशमन विभाग भी मुस्तैद था।
मेला का लिया आनंद
बड़ी संख्या में क्षेत्र के लोगों ने लाइनपार मेला का आनंद लिया। दोपहर से ही मेला देखने वालों की संख्या बढ़ने लगी थी। चाट-पकौड़ी, खिलौने व घरेलू सामान की अस्थाई दुकानें लगी थीं। शाम होते-होते जबरदस्त भीड़ हो गई। बच्चे, महिला, पुरुष और बुजुर्ग सभी उत्साहित थे। बच्चों ने झूला भी झूला।
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