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अतीक अहमद के करीबियों के ठिकानों पर कार्रवाई के दौरान ईडी अफसर तब दंग रह गए जब वहां भारी मात्रा में नकदी के अलावा नोट गिनने की दर्जनों मशीनें भी मिलीं। नकदी के स्रोत के बारे में पूछने पर संतोषजनक जानकारी नहीं देने पर इसे सीज कर जब्त कर लिया गया। जबकि नोट गिनने की मशीनों को भी कब्जे में ले लिया गया।
ईडी की अलग अलग टीमें अन्य लोगों के साथ ही बिल्डर संजीव अग्रवाल व कार शोरूम मालिक दीपक भार्गव के घरों व कार्यालयों में भी पहुंची थीं। बिल्डर के सिविल लाइंस स्थित घर में तलाशी के दौरान एक कमरे में नोटों के बंडल मिलने पर अफसर दंग रह गए। उन्होंने पूछा कि आखिर इतनी बड़ी मात्रा में नकदी कहां से आई, तो इसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
तलाशी के दौरान ही वहां एक दर्जन से ज्यादा नोट गिनने की मशीनें भी मिलीं। उधर कार शोरूम मालिक के घर से भी नोटों के बंडल मिले। पूछताछ में घर में मौजूद लोगों ने बताया कि नकदी व्यापार से संबंधित है। हालांकि जब इससे संबंधित साक्ष्य मांगा गया तो वह नहीं दिखा पाए। जिस पर नकदी को सीज कर दिया गया। सूत्रों का कहना है कि कार शोरूम मालिक के घर व शोरूम में भी नोट गिनने की मशीनें मिली हैं।
17 टीमों ने भोर में बोला धावा, संभलने का भी नहीं दिया मौका
प्रवर्तन निदेशालय की ओर से माफिया के करीबियों के घर हुई कार्रवाई से हड़कंप मचा रहा। 17 टीमों ने भोर में ही अलग-अलग ठिकानों पर धावा बोला। नींद खुलते ही दरवाजे पर ईडी टीम व सीआरपीएफ जवानों को देख माफिया के करीबी व उनके परिजन भौचक रह गए। हाल यह रहा कि उन्हें कुछ सोचने का भी मौका नहीं मिला। जब तक वह कुछ समझते, इससे पहले ही ईडी टीम ने उनके घरों व प्रतिष्ठानों को कब्जे में ले लिया था।
दरअसल कार्रवाई करने वाले दल में 70 के आसपास सदस्यों के होने की बात सामने आई है। छापा मारने से पहले ही इन सदस्यों को 17 टीमों में बांट दिया गया था। फिर इन्हीं टीमों ने कार्रवाई की। परिजनों को भीतर कर प्रवेश द्वार बंद कर दिए गए। साथ ही इनके भीतर व बाहर की ओर सीआरपीएफ के जवान तैनात हो गए। यह जवान ईडी अफसरों के साथ ही पहुंचे थे।
भीतर जाने व बाहर निकलने पर पाबंदी
सीआरपीएफ जवानों को सख्त हिदायत थी कि कार्रवाई के दौरान किसी को भीतर न आने दें। ना ही घर के अंदर मौजूद किसी शख्स को बाहर जाने दिया जाए। घरवालों से भी कह दिया गया कि वह कार्रवाई में सहयोग करें और जब तक कार्रवाई पूरी नहीं हो जाती, बाहर ना जाएं। उनके मोबाइल फाेन भी जमा करा लिए गए थे। ताकि वह किसी से संपर्क न कर पाएं।
सभी ठिकानों पर एक साथ मारा गया छापा
कार्रवाई के लिए गठित ईडी की 17 टीमों ने सभी 15 ठिकानों पर एक साथ छापा मारा तो इसकी भी एक वजह रही। सूत्रों का कहना है कि अलग-अलग कार्रवाई करने की स्थिति में जानकारी लीक होने की आशंका थी। ऐसे में कार्रवाई की जानकारी मिलने पर अतीक के करीबियों की घर से दस्तावेज हटाने या ताला बंद कर गायब होने की भी आशंका थी। यही वजह है कि एक साथ धावा बोला गया और रणनीति सफल भी रही।
चप्पे-चप्पे की ली गई तलाशी
कार्रवाई के दौरान संबंधितों के घरों के चप्पे-चप्पे की तलाशी ली गई। संपत्तियों से मिले दस्तावेजों के संबंध में भी गहनता से पड़ताल की गई।
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