[ad_1]

उत्तराखंड लोकसभा चुनाव 2024
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
राज्य गठन के बाद पहली बार प्रमुख दलों की ओर से स्थानीय नेताओं से किनारा कर लिया गया है। नैनीनताल, अल्मोड़ा और पौड़ी गढ़वाल के नेता हरिद्वार में चुनाव लड़ने जा रहे हैं। क्योंकि, प्रदेश के प्रमुख दलों में शुमार भाजपा, कांग्रेस और बसपा की ओर से हरिद्वार लोक सभा सीट से स्थानीय को प्रत्याशी नहीं बनाया गया है।
खास बात यह भी है कि इस बार तीनों दलों के उम्मीदवार पहाड़ी मूल के हैं। उत्तर प्रदेश से पृथक होकर बने उत्तराखंड राज्य में वर्ष 2004 में हुए पहले चुनाव में भाजपा की ओर से हरपाल सिंह साथी, कांग्रेस की ओर से दीपक कुमार, बसपा की ओर से भगवान दास राठौर और समाजवादी पार्टी से राजेंद्र बाड़ी को टिकट दिया गया था। इनमें कांग्रेस के प्रत्याशी को छोड़कर सभी हरिद्वार के मैदानी क्षेत्र के रहने वाले थे।
इसके बाद 2009 में हुए चुनाव में भाजपा की ओर से स्वामी यतींद्रानंद गिरि, कांग्रेस की ओर से हरीश रावत, बसपा की ओर से मोहम्मद शहजाद को टिकट दिया गया था। इनमें कांग्रेस प्रत्याशी हरीश रावत को छोड़कर दोनों हरिद्वार के मूल निवासी थे। 2014 में पूर्व सीएम हरीश रावत की पत्नी रेणुका चौधरी, भाजपा से पूर्व सीएम डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक और बसपा की ओर से मोहम्मद इस्लाम को प्रत्याशी बनाया गया था।
अंतरिक्ष सैनी को उम्मीदवार गया बनाया
इनमें भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी बाहरी थे, लेकिन बसपा की ओर से हरिद्वार के ही नेता को टिकट दिया गया था। बात करें यदि 2019 के लोकसभा चुनाव की तो इसमें भाजपा से फिर से रमेश पोखरियाल निशंक को दोबारा मैदान में उतारा गया। कांग्रेस की तरफ से अंबरीश कुमार और बसपा की ओर से स्थानीय को टिकट देने का सिलसिला जारी रखते हुए अंतरिक्ष सैनी को उम्मीदवार बनाया गया। इनमें भाजपा के रमेश पोखरियाल निशंक बाहर के रहने वाले थे, जबकि कांग्रेस और बसपा के उम्मीदवार हरिद्वार से थे।
बसपा की ओर से अब तक हरिद्वार के स्थानीय निवासी वो भी मैदान के नेता को प्रत्याशी बनाया जाता रहा है, लेकिन इस बार बसपा ने भी मैदानी को हटाकर नैनीताल की भावना को प्रत्याशी बनाया है। जबकि, पौड़ी गढ़वाल से भाजपा की ओर से पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, कांग्रेस से अल्मोड़ा के वीरेंद्र रावत को प्रत्याशी बनाया गया है। इससे लगातार चौथी बार फिर से बाहरी सांसद हरिद्वार की जनता को मिलना तय हो गया है। क्योंकि, 2004 में सपा के राजेंद्र बाड़ी के बाद स्थानीय सांसद नहीं बना है।
[ad_2]
Source link