Election 2022: गुजरात में हुआ 62.89 फीसदी मतदान, हिमाचल में टूटे थे रिकॉर्ड

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मतदान (प्रतीकात्मक)

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– फोटो : अमर उजाला

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गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण में बृहस्पतिवार को शांतिपूर्ण ढंग से हुए मतदान में 62.89 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। पिछली बार हुए 67.23 फीसदी के मुकाबले इस बार लगभग 4.4 फीसदी मतदान कम दर्ज किया गया है। हालांकि, मतदान के आंकड़ों में फेरबदल होने की संभावना है। इसके साथ ही 19 जिलों की 89 सीटों के लिए मैदान में उतरे 788 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है। वहीं, हिमाचल प्रदेश के मतदाताओं ने इस बार अब तक हुए विधानसभा चुनाव के सभी मतदान के रिकॉर्ड इस बार तोड़ दिए। 12 नवंबर को हुए मतदान में रिकॉर्ड 75.6 फीसदी वोट पड़े। इनमें एक फीसदी सर्विस वोटर भी शामिल हैं। हालांकि अभी सर्विस वोटर और जुड़ने हैं। इसके बाद मतदान का आंकड़ा 76 फीसदी तक पहुंच सकता है। इससे पहले पिछले 2017 के विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा 75.57 फीसदी वोट पड़े थे। राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी मनीष गर्ग ने दूरदूराज के मतदान टीमों के पहुंचने के बाद रविवार को यह डाटा जारी किया।

इस बार प्रदेश में सबसे अधिक सोलन के दून विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 85.25 प्रतिशत और शिमला शहर में सबसे कम 62.53 प्रतिशत मतदान हुआ। ईवीएम से मतदान प्रतिशत 74.6 था। कुछ मतपत्र डाक से प्राप्त हो चुके हैं।इससे अब तक कुल मतदान 75.6 प्रतिशत हो गया है। सभी डाक मतपत्रों के प्राप्त होने तक यह एक फीसदी और बढ़ सकता है। राज्य चुनाव विभाग ने इस बार वर्ष 2017 में कम मतदान वाले 11 विधानसभा क्षेत्रों पर अधिक ध्यान दिया था। स्वीप और मतदाता जागरूकता गतिविधियां शुरू की थीं। मतदाताओं को मतदान के लिए जागरूक करने को प्रतियोगिताएं और रैलियां आयोजित कीं

नौ विधानसभा क्षेत्रों में 7 फीसदी तक सुधरा मतदान
धर्मपुर, जयसिंहपुर, शिमला, बैजनाथ, भोरंज, सोलन, कसुम्पटी, सरकाघाट, जसवां परागपुर, हमीरपुर और बड़सर के तुलनात्मक विश्लेषण करने से तथ्य सामने आया है कि 11 में से 9 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान में 7 प्रतिशत तक सुधार हुआ है। धर्मपुर में 2017 के चुनाव में 63.6 प्रतिशत तो 2022 में 70.54 प्रतिशत रहा।

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गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण में बृहस्पतिवार को शांतिपूर्ण ढंग से हुए मतदान में 62.89 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। पिछली बार हुए 67.23 फीसदी के मुकाबले इस बार लगभग 4.4 फीसदी मतदान कम दर्ज किया गया है। हालांकि, मतदान के आंकड़ों में फेरबदल होने की संभावना है। इसके साथ ही 19 जिलों की 89 सीटों के लिए मैदान में उतरे 788 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है। वहीं, हिमाचल प्रदेश के मतदाताओं ने इस बार अब तक हुए विधानसभा चुनाव के सभी मतदान के रिकॉर्ड इस बार तोड़ दिए। 12 नवंबर को हुए मतदान में रिकॉर्ड 75.6 फीसदी वोट पड़े। इनमें एक फीसदी सर्विस वोटर भी शामिल हैं। हालांकि अभी सर्विस वोटर और जुड़ने हैं। इसके बाद मतदान का आंकड़ा 76 फीसदी तक पहुंच सकता है। इससे पहले पिछले 2017 के विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा 75.57 फीसदी वोट पड़े थे। राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी मनीष गर्ग ने दूरदूराज के मतदान टीमों के पहुंचने के बाद रविवार को यह डाटा जारी किया।

इस बार प्रदेश में सबसे अधिक सोलन के दून विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 85.25 प्रतिशत और शिमला शहर में सबसे कम 62.53 प्रतिशत मतदान हुआ। ईवीएम से मतदान प्रतिशत 74.6 था। कुछ मतपत्र डाक से प्राप्त हो चुके हैं।इससे अब तक कुल मतदान 75.6 प्रतिशत हो गया है। सभी डाक मतपत्रों के प्राप्त होने तक यह एक फीसदी और बढ़ सकता है। राज्य चुनाव विभाग ने इस बार वर्ष 2017 में कम मतदान वाले 11 विधानसभा क्षेत्रों पर अधिक ध्यान दिया था। स्वीप और मतदाता जागरूकता गतिविधियां शुरू की थीं। मतदाताओं को मतदान के लिए जागरूक करने को प्रतियोगिताएं और रैलियां आयोजित कीं

नौ विधानसभा क्षेत्रों में 7 फीसदी तक सुधरा मतदान

धर्मपुर, जयसिंहपुर, शिमला, बैजनाथ, भोरंज, सोलन, कसुम्पटी, सरकाघाट, जसवां परागपुर, हमीरपुर और बड़सर के तुलनात्मक विश्लेषण करने से तथ्य सामने आया है कि 11 में से 9 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान में 7 प्रतिशत तक सुधार हुआ है। धर्मपुर में 2017 के चुनाव में 63.6 प्रतिशत तो 2022 में 70.54 प्रतिशत रहा।



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