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टिहरी गढ़वाल लोकसभा सीट
– फोटो : अमर उजाला
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टिहरी संसदीय क्षेत्र में चकराता और देहरादून कैंट ऐसी विधानसभा सीटें हैं, जहां पर भाजपा व कांग्रेस एक-दूसरे के दुर्ग को भेद नहीं पाए हैं। चकराता में कांग्रेस तो देहरादून कैंट विधानसभा क्षेत्र में भाजपा का दबदबा कायम है। विधानसभा हो या लोकसभा चुनाव में ये दुर्ग अभेद रहे हैं। चकराता से भाजपा और देहरादून कैंट से कांग्रेस ने हर चुनाव में दिग्गजों पर दांव लगाया, लेकिन एक-दूसरे के दुर्ग में सेंध लगाने में कामयाब नहीं रहे। टिहरी सीट में चकराता और कैंट विधानसभा सबसे हॉट सीट मानी जाती है। कैंट विधानसभा सीट पर भाजपा और चकराता सीट पर कांग्रेस का वर्चस्व रहा है। कैंट सीट पर 33 साल से कांग्रेस के लिए जीत एक सपना है।
कांग्रेस ने तमाम बड़े नेता मैदान में उतारे, लेकिन कोई भी हरबंस कपूर को नहीं हरा पाया। 1985 में कपूर पहला चुनाव हार गए थे, लेकिन 1989 में कांग्रेस के हीरा सिंह बिष्ट, 1991 में विनोद, 1993 और 1996 में दिनेश अग्रवाल, 2002 में संजय शर्मा, 2007 में लालचंद शर्मा, 2012 में देवेंद्र सिंह सेठी और 2017 में सूर्यकांत धस्माना को हराकर कपूर ने आठ बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड बनाया था।
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