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जदयू की सीट पर जीतन राम मांझी की पार्टी का दावा।
– फोटो : अमर उजाला
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बिहार विधान परिषद् के चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ नामांकन दाखिल कर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन प्रत्याशी के रूप में निर्विरोध सदस्यता कायम रखने वाले राज्य के मंत्री संतोष कुमार सुमन ने अपनी पार्टी की गया लोकसभा सीट पर मजबूत दावेदारी बता दी है। संतोष सुमन भूतपूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बेटे हैं, जिन्होंने पिछली महागठबंधन सरकार में इस्तीफा दिया था और नई राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार गठन के दिन वापस सीएम नीतीश कुमार के साथ ही मंत्री बने। सुमन ने गया सीट पर दावे की जो वजह बताई है, वह जानने से पहले यह जानना भी मायने रखता है कि इस सीट पर 2019 के लोकसभा चुनाव में जीतन राम मांझी ने महागठबंधन के घटक के रूप में किस्मत आजमाई थी, लेकिन करीब जदयू प्रत्शाशी विजय कुमार के मुकाबले डेढ़ लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से पीछे रह गए थे।
गया लोकसभा सीट हमारी पार्टी को मिले
गया शहर के गोदावरी मोहल्ले में स्थित आवास पर गुरुवार को एससी-एसटी मंत्री डा. संतोष कुमार सुमन ने कहा कि बिहार में एनडीए गठबंधन की 14 या 15 मार्च को सीटों की बंटवारा की घोषणा हो जाएगी। उन्होंने कहा कि गया जिला हिन्दुस्तानी आवामी मोर्चा का कार्य क्षेत्र है। पार्टी की शुरुआत यहीं से हुई थी। कार्यकर्ता चाहते हैं कि गया लोकसभा सीट हमारी पार्टी को मिले। वहीं उन्होंने दावा ठोक कर कहा कि पूर्व से ही गया लोकसभा सीट पर तैयारी चल रही है और आज भी जारी है। यही वजह है कि हमलोग चाहते कि हम पार्टी के नेता या कार्यकर्ता गया लोकसभा सीट से चुनाव लड़े।
सीएए इज्जत से जीने वाला कानून
वहीं मंत्री संतोष कुमार सुमन ने कहा कि सीएए कानून देश में लागू होने से आजादी के बाद से दूसरे देशों में दंश झेल रहे गरीब, असहाय और लाचार लोगों को इज्जत से जी सकेंगे। यह कानून लोगों को जोड़ने वाला कानून है। कुछ लोग देश में सीएए कानून को लेकर भ्रम फैला रहे है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से जो वादा किया था, वह पूरा कर दिया गया। वहीं कांग्रेस द्वारा महिला न्याय गारंटी की घोषणा के सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस को महिलाओं को सम्मान करना होता तो केन्द्र में अपनी सरकार में महिला आरक्षण बिल को क्यों नहीं लागू किया। देश में कांग्रेस की जमीन खिसक गई है, इसलिए ऐसी घोषणा कर रहे हैं। कांग्रेस नेतृत्वकर्ता विहीन हो गया है। देश में कांग्रेस का नाम लेने वाला कोई नहीं है। बिहार में कांग्रेस एक याचक की तरह राजद से सीट मांग रहे हैं। लेकिन, लालू यादव देने को तैयार नहीं है।
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