Uttarakhand: उद्यमियों को अब साल में दो बार मिलेगी एनओसी, प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बदली व्यवस्था

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Entrepreneurs will now get NOC twice a year Uttarakhand Pollution Control Board changed the system

मीटिंग ( प्रतीकात्मक)

अब उद्यमियों को पीसीबी से एनओसी लेने के लिए इंतजार नहीं करना होगा। एनओसी देने की प्रक्रिया में पीसीबी ने बदलाव कर दिया है। अब तक साल में एक बार मिलने वाली एनओसी दो बार मिला करेगी। अब तक साल में सिर्फ मार्च तक की एनओसी मिला करती थी, लेकिन अब यह सितंबर तक भी मिल सकेगी।

उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपनी और उद्यमियों की सुविधा के लिए यह कदम उठाया है। ज्यादातर फैक्टरियों को चलाने के लिए पीसीबी से एनओसी लेने की जरूरत होती है। एनओसी देने के लिए पीसीबी ने उद्योगों को तीन किस्म रेड, ऑरेंज और ग्रीन में बांटा है। रेड किस्म के उद्योगों को पांच साल, ऑरेंज किस्म के उद्योगों को दस और ग्रीन किस्म के उद्योगों को 15 साल के लिए उद्योग चलाने के लिए उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से एनओसी दी जाती है।

सितंबर तक भी कर सकते आवेदन

विशेष परिस्थितियों में पीसीबी सिर्फ एक साल के लिए भी एनओसी दे सकता है। अब तक यह एनओसी सिर्फ मार्च तक ही वैध होती थी। इसके चलते फैक्टरी संचालक एक साथ एनओसी के लिए अप्रैल में आवेदन करते थे। लेकिन अब इसके लिए सितंबर तक भी आवेदन कर सकते हैं।

उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अब साल में दो बार उद्योग चलाने की सहमति देने के लिए आवेदन लेगा और साल में दो बार सहमति देगा। इससे उद्यमियों को सहूलियत होगी और पीसीबी के पास भी एक साथ भारी संख्या में आवेदन नहीं आएंगे। – नरेश गोस्वामी, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

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