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बालवाटिका में पढ़ाई करते बच्चे।
– फोटो : अमर उजाला।
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केंद्रीय विद्यालय नंबर एक एयरफोर्स में बिना भारी भरकम स्कूल बैग, कॉपी-किताब, गृहकार्य, प्रोजेक्ट के ही नर्सरी पनप रही है। पारंपरिक क्लास रूम की जगह दीवारों पर उकेरे फल, फूल, जानवर, खिलौनों को मित्र बनाकर तीन से पांच वर्ष के नौनिहाल ज्ञान अर्जित कर रहे हैं।
प्रेरणादायी कार्टून, कहानी और गीतों से जमा, घटाव, जानवरों के नाम, रंगों की पहचान, सामान्य ज्ञान, बात करने, चलने का तरीका, भारतीय संस्कृति, परंपराओं को सीख रहे हैं। यह तरीका नौनिहालों के सीखने की क्षमता में बढ़ोतरी कर रहा है और इसकी तस्दीक आंकड़े कर रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि बच्चों की सीखने की क्षमता में 40 फीसदी से अधिक की बढोतरी हुई है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत देशभर के 49 केंद्रीय विद्यालयों में प्ले वे की तर्ज पर बालवाटिका को पिछले वर्ष से प्रारंभ किया गया है। वाराणसी संभाग में केवी सिद्धार्थनगर और केंद्रीय विद्यालय नंबर एक एयरफोर्स में बालवाटिका का संचालन हो रहा है। केवी एयरफोर्स के प्रधानाचार्य एसके श्रीवास्तव ने बताया कि पहले वर्ष 120 सीट पर केवी एयरफोर्स में बच्चों का प्रवेश हुआ।
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