[ad_1]

September Vrat 2023 List: सितंबर के महीने के बचे 15 दिन बेहद खास है. इन 15 दिनों में कुशाग्रहणी अमावस्या, गणेश चतुर्थी, हरतालिका तीज और विश्वकर्मा पूजा जैसे कई बड़े त्योहार है. इसके साथ ही सितंबर के महीने के आखिरी में पितृपक्ष शुरू होगा. आइए जानते हैं सितंबर महीने के बचे इन 15 दिनों में कौन सा त्योहार कब है और क्या हैं इसकी मान्यताएं.
Kushagrahani Amavasya 2023: कुशाग्रहणी अमावस्या 14 सितंबर

भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि को कुशग्रहणी या पिठोरी अमावस्या कहते हैं. कुशाग्रहणी अमावस्या 14 सितंबर 2023 दिन गुरुवार को है. इस दिन सुहागिन महिलाएं भगवान शिव और मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करती है. इसके साथ ही इस दिन पितरों की तृप्ति के लिए पिंडदान आदि भी किया जाता है. इस अमावस्या की शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए.
Vishwakarma Puja 2023: कब है विश्वकर्मा पूजा

विश्वकर्मा पूजा हर साल 17 सितंबर को मनाई जाती है. मान्यता है कि इस दिन सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी के सातवें पुत्र भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था. भगवान विश्वकर्मा ही दुनिया के पहले शिल्पकार, वास्तुकार और इंजीनियर थे. कहा जाता है कि जब ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की तो उसे सजाने-संवारने का काम विश्वकर्मा जी ने किया था. पंचांग के अनुसार विश्वकर्मा जयंती 17 सितंबर 2023 को मनाई जाएगी. वैसे तो देवशिल्पी भगवान विश्वकर्मा की पूजा दिन भर की जाएगी, लेकिन इनकी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 17 सितंबर की सुबह 10 बजकर 15 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक रहेगा. इस मुहूर्त में पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होगी.
Hartalika Teej 2023: हरतालिका तीज 18 सितंबर

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता हैं. हरतालिका तीज 18 सितंबर 2023 दिन सोमवार को मनाई जाएगी. हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 17 सितंबर दिन रविवार को सुबह 11 बजकर 08 मिनट पर हो रही है.इस तिथि का समापन अगले दिन 18 सितंबर 2023 दिन सोमवार को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट पर होगा. हरतालिका तीज की पूजा के लिए इस दिन 3 शुभ मुहूर्त हैं. इस दिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत करती हैं और अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं.
Kalank Chaturthi 2023 Date: कलंक चतुर्थी 18 सितंबर
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को चंद्रमा का देखा अशुभ माना जाता है. इस चतुर्थी तिथि को कलंक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. इस बार यह तिथि 18 सितंबर को है. इस बार 18 सितंबर को 12 बजकर 39 मिनट पर चतुर्थी तिथि लग जाएगी. शाम के समय चतुर्थी होने से कलंक चतुर्थी का पर्व 18 सितंबर को मनाया जाएगा. भाद्रशुल चतुर्थी तिथि के संयोग में 19 तारीख में चतुर्थी तिथि का आरंभ 1 बजकर 43 मिनट तक चतुर्थी तिथि रहेगी. इस दिन चंद्रमा को देखने की वजह से अपमान और मिथ्या कलंक का दोष लगता है. मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा के देखने से भगवान कृष्ण को भी दोष झेलना पड़ा था.
Ganesh Chaturthi 2023: सिद्धि विनायक व्रत 19 सितंबर

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि सिद्धि विनायक व्रत किया जाएगा. इस दिन देश भर में गणेशोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है. इस साल सिद्धि विनायक व्रत 19 सितंबर 2023 दिन मंगलवार को है. इस दिन गणेशजी का जन्म दोपहर के समय हुआ था. इसलिए इस तिथि को गणेशोत्सव या गणेश जन्मोत्सव के रूप में भी मनाते हैं. शास्त्रों के अनुसार भगवान गणेश को मोदक के लड्डू का भोग लगाना चाहिए और दूर्वा घास अर्पित करनी चाहिए. इसके साथ ही इस दिन घर पर गणेशजी को आमंत्रित किया जाएगा और मूर्ति स्थापना की जाएगी.
Rishi Panchami 2023 Date : कब है ऋषि पंचमी व्रत 20 सितंबर

हिंदू धर्म में ऋषि पंचमी सप्त ऋषियों को समर्पित है. यह व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को किया जाता है. इस साल ऋषि पंचमी व्रत 20 सितंबर 2023 दिन बुधवार को है. इस दिन सप्तऋषियों की विशेष पूजा की जाती है. इस दिन गंगा स्नान करने के साथ ही दान देने का भी विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से पाप कर्मों से मुक्ति पाई जा सकती है.
Radhashtami 2023: कब है राधाष्टमी

भगवान कृष्ण के जन्म के ठीक 15 दिन बाद राधाजी का जन्म हुआ था. इस साल राधाष्टमी व्रत 23 सितंबर को है. बता दें कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष अष्टमी तथि के दिन महालक्ष्मी व्रत भी करते हैं. इस व्रत को करने से व्यक्ति को धन धान्य की कमी नहीं होती है. इसके साथ ही महिलाएं इस व्रत को अपने बच्चों और पति की लंबी आयु के लिए भी रख सकती है.
Anant Chaturdashi 2023: कब है अनंत चतुर्दशी व्रत

अनंत चतुर्दशी का व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है. इस बार यह व्रत 28 सितंबर को है. इस व्रत को करने से व्यक्ति को मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है. दोनों की एक साथ पूजा अर्चना करने से वह प्रसन्न होते हैं. मान्यता है कि अनंत चतुर्दशी का व्रत रखने से व्यक्ति के सभी रुके हुए कार्य पूर्ण हो जाते हैं.
Pitru Paksha 2023: कब से शुरू हो रहा पितृपक्ष

सनातन धर्म में पितृपक्ष का विशेष महत्व है. पंचांग के अनुसार पितृपक्ष करीब 16 दिनों का होता हैं. इस साल पितृपक्ष का आरंभ 29 सितंबर 2023 दिन शुक्रवार से होगा. पितृपक्ष या श्राद्ध की शुरुआत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से आरंभ होता है और आश्विन मास की अमावस्या तिथि को समाप्त होता हैं. पितृपक्ष में पितरों के प्रति आदर भाव प्रकट किया जाता है. पितृपक्ष में अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान आदि किया जाता है.
[ad_2]
Source link