फिरोजाबाद में गैस गीजर से बेहोश होने का एक और मामला सामने आया है। हाजीपुरा निवासी युवक बाथरूम में नहाते समय बेहोश होकर गिर पड़ा। एक घंटे तक वह बाथरूम से बाहर नहीं निकला तो परिजनों आवाज दी, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद परिजनों ने बाथरूम का दरवाजा तोड़कर युवक को बाहर निकाला। बेहोशी की हालत में उसे प्राइवेट ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। चिकित्सक के मुताबिक, बाथरूम में लगे गैस गीजर से बनने वाली गैस के कारण युवक बेहोश हुआ है।
हाजीपुरा निवासी 22 वर्षीय युवक अशरफुद्दीन पुत्र हाजी निजामुद्दीन बीकॉम का छात्र है। वह शनिवार को बाथरूम में नहाने के लिए गया। एक घंटे तक अशरफुद्दीन बाथरूम से बाहर नहीं निकला। परिजनों ने आवाज दी। जब अंदर से कोई हलचल सुनाई नहीं दी तो परिजन घबरा गए। पड़ोसियों को बुलाकर बाथरूम का दरवाजा तोड़ दिया। बाथरूम के अंदर अशरफुद्दीन बेहोश पड़ा था। परिजन आनन-फानन उसे प्राइवेट ट्रामा सेंटर ले गए।
पहले भी आ चुके हैं मामले
सेवार्थ संस्थान ट्रामा सेंटर में न्यूरोसर्जन डॉ. निमित गुप्ता की निगरानी में आईसीयू में उसका इलाज शुरू किया गया। कई घंटों ऑक्सीजन लगाने के बाद युवक को होश आ गया। डॉ. निमित गुप्ता ने बताया कि पानी गर्म करने के लिए घरों में इस्तेमाल किए जाने वाले गैस गीजर हर साल खतरा बन रहे हैं। बीते वर्षों के रिकॉर्ड देखें तो हर साल चार से पांच लोगों की मौत हो जाती है। इसके अलावा बेहोशी के मरीज भी गंभीरावस्था में आते हैं। बेहोशी होने पर लोग बाथरूम में गिर जाते हैं तो सिर में गंभीर चोट भी आ जाती है। बीते साल दो लोगों की मौत हुई थी, 60 गंभीर केस अस्पताल में भर्ती किए थे। इस साल यह सातवां केस है।
इस तरह बनती है गैस
गीजर में जब एलपीजी जलती है, तो उसे ऑक्सीजन की जरूरत होती है। बाथरूम में गैस गीजर चालू रखने से ऑक्सीजन खत्म हो जाती है। ईंधन को जलने के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन न मिलने से कार्बन मोनोऑक्साइड व नाइट्रो ऑक्साइड गैस उत्पन्न होती है। यह गैस सांस के साथ शरीर में प्रवेश करती है। शरीर को ऑक्सीजन न मिलने व जहरीली गैस मिलने के कारण मौत हो जाती है। यह प्रक्रिया उसी तरह होती है, जैसे बंद कमरे में अंगीठी जलाने से होती है।
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फिरोजाबाद में गैस गीजर से बेहोश होने का एक और मामला सामने आया है। हाजीपुरा निवासी युवक बाथरूम में नहाते समय बेहोश होकर गिर पड़ा। एक घंटे तक वह बाथरूम से बाहर नहीं निकला तो परिजनों आवाज दी, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद परिजनों ने बाथरूम का दरवाजा तोड़कर युवक को बाहर निकाला। बेहोशी की हालत में उसे प्राइवेट ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। चिकित्सक के मुताबिक, बाथरूम में लगे गैस गीजर से बनने वाली गैस के कारण युवक बेहोश हुआ है।
हाजीपुरा निवासी 22 वर्षीय युवक अशरफुद्दीन पुत्र हाजी निजामुद्दीन बीकॉम का छात्र है। वह शनिवार को बाथरूम में नहाने के लिए गया। एक घंटे तक अशरफुद्दीन बाथरूम से बाहर नहीं निकला। परिजनों ने आवाज दी। जब अंदर से कोई हलचल सुनाई नहीं दी तो परिजन घबरा गए। पड़ोसियों को बुलाकर बाथरूम का दरवाजा तोड़ दिया। बाथरूम के अंदर अशरफुद्दीन बेहोश पड़ा था। परिजन आनन-फानन उसे प्राइवेट ट्रामा सेंटर ले गए।
पहले भी आ चुके हैं मामले
सेवार्थ संस्थान ट्रामा सेंटर में न्यूरोसर्जन डॉ. निमित गुप्ता की निगरानी में आईसीयू में उसका इलाज शुरू किया गया। कई घंटों ऑक्सीजन लगाने के बाद युवक को होश आ गया। डॉ. निमित गुप्ता ने बताया कि पानी गर्म करने के लिए घरों में इस्तेमाल किए जाने वाले गैस गीजर हर साल खतरा बन रहे हैं। बीते वर्षों के रिकॉर्ड देखें तो हर साल चार से पांच लोगों की मौत हो जाती है। इसके अलावा बेहोशी के मरीज भी गंभीरावस्था में आते हैं। बेहोशी होने पर लोग बाथरूम में गिर जाते हैं तो सिर में गंभीर चोट भी आ जाती है। बीते साल दो लोगों की मौत हुई थी, 60 गंभीर केस अस्पताल में भर्ती किए थे। इस साल यह सातवां केस है।