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ड्रोन(प्रतीकात्मक तस्वीर)
उत्तराखंड में ड्रोन की मदद से विभागों के काम आसान करने और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए सरकार ड्रोन संस्थान खोलेगी। इससे ड्रोन के निर्माण, संचालन और मरम्मत की राह आसान हो जाएगी।
सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) ने सूबे में ड्रोन के निर्माण से लेकर रिपेयरिंग, निवेशकों को आकर्षित करने के लिए ड्रोन पॉलिसी बनाकर शासन को भेजी है। पॉलिसी में तेलंगाना की ड्रोन पॉलिसी की तर्ज पर कई अहम बदलाव किए गए हैं। इसके तहत ड्रोन कॉरिडोर के अलावा सरकारी ड्रोन संस्थान, रिपेयरिंग सेंटर खोलने का भी प्रावधान किया जा रहा है।
ड्रोन पॉलिसी पर सरकार जल्द कैबिनेट में निर्णय ले सकती है। ऐसा ड्रोन इंस्टीट्यूट बनेगा जो युवाओं को ट्रेनिंग संग सरकारी विभागों में ड्रोन की जरूरतों को चिह्नित करेगा। इसकी मदद से विभाग ड्रोन से अपने काम आसान कर सकेंगे। वहीं, प्रदेश में ड्रोन रिपेयरिंग सेंटर भी खोले जा सकेंगे।
ड्रोन ट्रायल के लिए फ्री फ्लाई जोन
ड्रोन निर्माता और सेवा प्रदाता अपने उत्पाद का निशुल्क ट्रायल कर सकेंगे। इसके लिए फ्री फ्लाई जोन तैयार किया जाएगा। ड्रोन पॉलिसी में यह प्रावधान किया गया है। इसके तहत ड्रोन के टेकऑफ और लैंडिंग के लिए एयरस्ट्रिप, ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन, मेकेनिकल और इलेक्ट्रिकल लैब, हैंगर, ट्रेनिंग, हेलीपैड, सपोर्ट स्पेशलिस्ट, रिचार्जिंग स्टेशन आदि की सुविधा दी जाएगी।
सुविधा सेल से सभी सुविधाएं
पॉलिसी में यह भी प्रावधान किया गया है कि सरकार एक फेसिलिटेशन सेल खोलेेगी। इसमें ड्रोन के लाइसेंस और पंजीकरण की सुविधा मिलेगी। सरकार का मकसद है कि डीजीसीए के नियमों का अनुपालन सख्ती से हो और ड्रोन को बढ़ावा भी मिले। यह सेल ड्रोन निर्माण के परमिट में भी मदद करेगी।
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