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होलिका दहन
– फोटो : अमर उजाला
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होलिका दहन सोमवार की मध्यरात्रि विधि-विधान से पूजन-अर्चन के बाद शुभ मुहूर्त में किया जाएगा। पंडित शरद चंद्र मिश्र ने बताया कि छह मार्च को भद्रा शाम तीन बजकर 56 मिनट से सात मार्च को सुबह चार बजकर 48 मिनट तक होने से होलिका दहन भद्रा का पुंछ भाग होगा।
यह समय छह मार्च की रात में 12 बजकर 23 मिनट से एक बजकर 35 मिनट तक है। इसके मध्य होलिका दहन किया जाएगा। इसके अलावा भद्रा के बाद यानी सुबह चार बजकर 49 मिनट से सूर्योदय से पूर्व सुबह छह बजकर 11 मिनट के बीच भी होलिका दहन किया जा सकता है।
ऐसे करें होलिका दहन
ज्योतिर्विद पंडित नरेंद्र उपाध्याय के अनुसार, शुभ मुहूर्त में स्नानादि के बाद होलिका दहन के समय दाहिने हाथ में जल, चंदन, अक्षत, द्रव्य आदि लेकर संकल्प करें। संकल्प करके किसी पेड़ की डाली को आरोपण कर उसके चारों ओर सूखी लकड़ी, कंडे, सूखा पुआल व झाड़-झंखाड़ रखें और होलिका का ध्यान करें। इसके बाद षोडशोपचार पूजन कर प्रार्थना करें। फिर अछूत कहे जाने वाले व्यक्ति के घर से अथवा प्रसूतिका स्त्री के घर से अग्नि मंगाकर या न उपलब्ध होने पर वहीं अग्नि प्रज्वलित कर होलिका जलाएं।
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