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गोरखपुर समाचार
– फोटो : अमर उजाला। 
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उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति राम औतार सिंह ने कहा कि गोरखपुर के निकायों में ओबीसी का प्रतिनिधित्व संतोषजनक है।
नगर निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की राजनीतिक भागीदारी का अध्ययन करने गोरखपुर आए आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों ने सोमवार को कई जरूरी जानकारियां जुटाईं। उन्होंने आयुक्त सभागार में अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर निकायों में ओबीसी की जनसंख्या, पिछले दो चुनावों में दिए गए प्रतिनिधित्व के बारे में जानकारी ली।
जनप्रतिनिधियों से रैपिड सर्वे आदि के बारे में जानकारी ली गई। बैठक के दौरान आयोग के अध्यक्ष ने आयोग के उद्देश्य एवं कार्य क्षेत्र के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि 28 दिसंबर, 2022 को आयोग का गठन किया गया। आयोग का मुख्य उद्देश्य स्थानीय जनप्रतिनिधियों के फीडबैक के आधार पर समीक्षा करनी है कि ओबीसी के लिए निर्धारित 27 प्रतिशत आरक्षण प्राप्त हो रहा है या नहीं। ओबीसी की राजनीतिक भागीदारी कितनी है। राज्य नगरीय निकायों में पिछड़ेपन की प्रवृत्ति और उसके प्रभाव का अध्ययन भी किया जा रहा है।
बैठक में डीएम कृष्णा करुणेश ने रैपिड सर्वे के आंकड़ों के बारे में जानकारी दी। इसके बाद मीडिया से बातचीत में आयोग के अध्यक्ष ने जिले में ओबीसी के प्रतिनिधित्व को संतोषजनक बताया।
बैठक में आयोग के सदस्य संतोष कुमार विश्वकर्मा, महेंद्र कुमार, बृजेश कुमार सोनी, कमिश्नर रवि कुमार एनजी, नगर आयुक्त अविनाश सिंह, अपर आयुक्त प्रशासन अजय कांत सैनी, अपर जिलाधिकारी प्रशासन पुरुषोत्तम दास गुप्ता, नगर निकायों के अधिशासी अधिकारी, जनप्रतिनिधि, पूर्व जनप्रतिनिधि, सभासद एवं अधिशासी अधिकारी आदि उपस्थित रहे।
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