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सांकेतिक तस्वीर।
– फोटो : सोशल मीडिया।
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गोरखपुर जिला महिला अस्पताल के बाहर लगे आश्रय पालने में सोमवार की रात कोई एक नवजात बच्ची को छोड़ गया। बच्ची के रखे जाने के पांच मिनट बाद ही अलार्म बजा और इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम उसे अस्पताल के अंदर ले आई। 27 दिन की मासूम की सेहत को देखते हुए डॉक्टरों ने बच्ची को सिक न्यू बॉर्न केयर यूनिट में रखा है। इसकी सूचना जिला प्रशासन को भी दे दी गई।
महिला अस्पताल की एमसीएच विंग में छह माह पहले आश्रय पालना लगाया गया। इसका उद्देश्य उन बच्चों के जीवन की रक्षा करना है जिन्हें लोकलाज या किन्हीं अन्य कारणों से उन्हें जन्म देने वाले साथ नहीं रखना चाहते। ज्यादातर मामलों में ऐसे बच्चों को लावारिस हाल में छोड़ दिया जाता है। जिससे उनके जीवन तक पर संकट खड़ा हो जाता है।
सोमवार रात वरिष्ठ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. अंशूरानी की इमरजेंसी ड्यूटी थी। रात 9:15 बजे अचानक इमरजेंसी में अलार्म बजा। यह अलार्म संकेत है कि आश्रय पालना में किसी मासूम को रखा गया है। ड्यूटी पर तैनात डॉ. अंशूरानी तत्काल सिक्योरिटी गार्ड फिरोज मंसूरी के साथ आश्रय पालना पहुंचीं।
उन्होंने देखा कि पालने में नवजात बच्ची रो रही है। नवजात की तबीयत खराब लग रही थी। उन्होंने तुरंत बच्ची को इलाज के लिए एसएनसीयू में भेजवाया। इसके बाद मामले की जानकारी एसआईसी डॉ. जयकुमार व क्वालिटी मैनेजर डॉ. कमलेश को दी। एसएनसीयू वार्ड में तैनात बालरोग विशेषज्ञ डॉ. संतोष टीम के साथ बच्ची का इलाज कर रहे हैं।
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