[ad_1]
कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता का सिर कमरे की दीवाल से दरोगा जेएन सिंह ने ही लड़ाया था, जिससे उनकी होटल के कमरे में मौत हो गई थी। मानसी अस्पताल के डॉक्टर ने भी मनीष के मृत होने की पुष्टि कर दी थी। इसके बाद कहानी गढ़ने के लिए जेएन सिंह मनीष को लेकर मेडिकल कॉलेज गया था। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की चार्जशीट में इसका उल्लेख किया गया है। इसी तथ्य को अमर उजाला ने भी तस्वीरों के साथ प्रकाशित किया था।
सीबीआई की चार्जशीट के आधार पर सीबीआई की विशेष अदालत ने मनीष गुप्ता हत्याकांड में आरोप तय किए हैं। नौ जनवरी को तय आरोप में तत्कालीन इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह (जेएन सिंह) को हत्या का मुख्य आरोपी माना गया है। बाकी के आरोपियों पर हत्या का केस नहीं चलेगा। आरोपपत्र के आधार पर अन्य आरोपियों को बुधवार को जमानत भी मिल गई।
सीबीआई की चार्जशीट के आधार पर सीबीआई की विशेष अदालत ने मनीष गुप्ता हत्याकांड में आरोप तय किए हैं। नौ जनवरी को तय आरोप में तत्कालीन इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह (जेएन सिंह) को हत्या का मुख्य आरोपी माना गया है। बाकी के आरोपियों पर हत्या का केस नहीं चलेगा। आरोपपत्र के आधार पर अन्य आरोपियों को बुधवार को जमानत भी मिल गई।
न्यायालय में दाखिल सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार, घटना वाले दिन (27/28 सितंबर 2021 की रात) रामगढ़ताल थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष जगत नारायण सिंह अपने साथ उप निरीक्षक अक्षय मिश्रा, विजय यादव, राहुल दूबे, हेड कांस्टेबल कमलेश सिंह यादव और प्रशांत कुमार के साथ होटल कृष्णा पैलेस पहुंचे थे। कमरा नंबर 512 में चेकिंग के लिए जगत नारायण सिंह अपने साथ अक्षय मिश्रा और प्रशांत कुमार को लेकर गया। कमरे में अक्षय मिश्रा और सिपाही प्रशांत कुमार ने मनीष को गाली दी और पिटाई की। इसी बीच जेएन सिंह ने मनीष का सिर दीवाल से लड़ा दिया। इससे मनीष को गंभीर चोट लग गई और जान चली गई।
इसके बाद साथ में गए विजय यादव और राहुल दूबे कमरे में गए और मनीष के दोस्त हरबीर को जबरदस्ती बाहर ले आए। चार्जशीट में लिखा गया है कि पुलिस टीम ने कमरे में हुई घटना के संबंध में न तो किसी को सूचना दी, न ही कोई लिखा-पढ़ी की। पुलिस वाले मनीष को लेकर कमरे से बाहर आ गए। कमरे से बाहर लाने और पुलिस की गाड़ी में मनीष को ले जाने की पूरी घटना अमर उजाला ने प्रकाशित की थी। सीबीआई की चार्जशीट में भी उसी तरह घटना का उल्लेख है।
जेएन सिंह ने कमरे में खुद साफ किया था खून
सीबीआई की चार्जशीट में उल्लेख किया गया है कि घटना के बाद जेएन सिंह के निर्देश पर मनीष गुप्ता को पुलिस टीम होटल के कमरे से लेकर नीचे गई। जेएन सिंह ने कमरे के अंदर गिरे खून को साफ किया। यही नहीं जेएन सिंह ने होटल के मालिक सुभाष शुक्ला और स्टाफ विजय को फोन कर कमरे के बाहर फैले खून को साफ करने के अलावा सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्यों को हटाने के लिए कहा था।
सीबीआई की चार्जशीट में उल्लेख किया गया है कि घटना के बाद जेएन सिंह के निर्देश पर मनीष गुप्ता को पुलिस टीम होटल के कमरे से लेकर नीचे गई। जेएन सिंह ने कमरे के अंदर गिरे खून को साफ किया। यही नहीं जेएन सिंह ने होटल के मालिक सुभाष शुक्ला और स्टाफ विजय को फोन कर कमरे के बाहर फैले खून को साफ करने के अलावा सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्यों को हटाने के लिए कहा था।
मानसी अस्पताल के चिकित्सक ने मनीष को बता दिया था मृत
चार्जशीट में दर्ज मुख्य गवाह आदर्श पांडेय के बयान के मुताबिक, पुलिस टीम मनीष गुप्ता को होटल के पास स्थित मानसी अस्पताल ले गई थी। रात लगभग 12:35 बजे पुलिस टीम मनीष को लेकर मानसी अस्पताल पहुंची थी। अस्पताल की इमरजेंसी में मौजूद डॉ राजेंद्र प्रसाद मौर्य ने मनीष का चिकित्सकीय परीक्षण किया और मृत बता दिया। डॉक्टर ने इस बात की सूचना मनीष को लेकर आई पुलिस टीम को देने के अलावा अस्पताल के निदेशक डॉ पंकज दीक्षित को भी दी थी। इसके बाद पुलिस टीम मनीष को लेकर मेडिकल कॉलेज गई थी।
चार्जशीट में दर्ज मुख्य गवाह आदर्श पांडेय के बयान के मुताबिक, पुलिस टीम मनीष गुप्ता को होटल के पास स्थित मानसी अस्पताल ले गई थी। रात लगभग 12:35 बजे पुलिस टीम मनीष को लेकर मानसी अस्पताल पहुंची थी। अस्पताल की इमरजेंसी में मौजूद डॉ राजेंद्र प्रसाद मौर्य ने मनीष का चिकित्सकीय परीक्षण किया और मृत बता दिया। डॉक्टर ने इस बात की सूचना मनीष को लेकर आई पुलिस टीम को देने के अलावा अस्पताल के निदेशक डॉ पंकज दीक्षित को भी दी थी। इसके बाद पुलिस टीम मनीष को लेकर मेडिकल कॉलेज गई थी।
[ad_2]
Source link