Gorakhpur News: रोशनी के चारों ओर रंगीन छल्ले दिखें, बार-बार जी मचलाए तो जांच करा लें…ग्लूकोमा तो नहीं

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Glaucoma patients increasing rapidly in Gorakhpur

सांकेतिक तस्वीर।
– फोटो : सोशल मीडिया।

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रोशनी के चारों ओर रंगीन छल्ले दिखाई देने लगे, बार-बार जी मचलाए और उल्टी महसूस हो, तो एक बार नेत्र रोग विशेषज्ञ से जांच जरूर कराएं। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. वाई सिंह का कहना है कि ग्लूकोमा (काला मोतियाबिंद) मरीजों की आंखों की रोशनी छीन रहा है। मोतियाबिंद को नजर अंदाज करने वाले लोग इस बीमारी के शिकार हो रहे हैं। बीआरडी मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में इससे पीड़ित मरीजों की संख्या पिछले एक साल के अंदर तेजी से बढ़ी है।

डॉ. वाई सिंह का कहना है कि आमतौर पर काला मोतियाबिंद के कोई विशेष लक्षण नहीं होते हैं। यही वजह है कि लोगों को इस बीमारी का पता समय से नहीं चल पाता है। हालांकि आंखों और सिर में तेज दर्द होने, नजर कमजोर होने या धुंधला दिखाई देने, आंखें लाल होने को इस बीमारी का इशारा मान लेना चाहिए। बताया कि बीआरडी में पहले जहां हर माह 10 फीसदी मरीज आते थे, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 25 से 30 फीसदी हो गई है। इनमें पांच से सात फीसदी मरीजों की आंखों की रोशनी हमेशा के लिए चली जा रही है।

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बीआरडी मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में हर माह मोतियाबिंद के करीब 250 से 300 के बीच ऑपरेशन होते हैं। इनमें 40 से 45 मरीज काला मोतियाबिंद से पीड़ित मिल रहे हैं। डॉक्टरों की भाषा में इसे ग्लूकोमा कहते हैं। बीआरडी के नेत्र रोग विभागाध्यक्ष डॉ राम कुमार जायसवाल ने बताया कि काला मोतियाबिंद बेहद खतरनाक बीमारी है।

 

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