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आरोपी को कोर्ट में पेश करती पुलिस।
– फोटो : अमर उजाला।
विस्तार
अधिक ब्याज का लालच देकर लोगों से पैसे जमा करवाकर 1600 करोड़ रुपये की जालसाजी करने वाले पिनकन ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रमुख निदेशक हरि सिंह और निदेशक विनय सिंह को कोलकाता पुलिस ने पांच साल बाद गिरफ्तार किया है। साल 2018 में कैंट और 2019 में कोतवाली थाने में केस दर्ज होने के बाद दोनों आरोपी कोलकाता में छिपे थे। कोलकाता पुलिस ने बुधवार को दोनों को गोरखपुर की अदालत में पेश किया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया।
जानकारी के मुताबिक, चार अप्रैल 2018 को कैंट थाने में एडीजी के आदेश पर संजय कुमार सिंह की तहरीर पर केस दर्ज किया गया। पुलिस ने मनोरंजन राय, हरि सिंह, विनय सिंह, राजकुमार राय को आरोपी बनाया था। सभी के खिलाफ पुलिस ने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर जालसाजी, आपराधिक साजिश की धारा में केस दर्ज किया था। पुलिस ने जांच कर चार्जशीट दाखिल कर दी, लेकिन एक भी आरोपी पकड़े नहीं गए।
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वहीं, कोतवाली इलाके के छपिया निवासी धर्मेंद्र त्रिपाठी की याचिका पर कोर्ट के आदेश पर 13 सितंबर 2019 को कोतवाली थाने में केस दर्ज किया गया। इसके बावजूद आरोपी नहीं पकड़े गए। मामला बढ़ने पर गोरखपुर पुलिस ने कोर्ट से वारंट लेकर कोलकाता पुलिस से मदद मांगी। कोलकाता पुलिस ने बुधवार को दोनों आरोपियों को गोरखपुर सीजेएम कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
जानकारी के अनुसार, दोनों आरोपियों ने कोतवाली इलाके के बैंक रोड पर पिनकन ग्रुप ऑफ कंपनीज का दफ्तर खोला था। अधिक ब्याज का लालच देकर लोगों से पैसे जमा करवाए। 25 जुलाई 2018 को कंपनी के बैंक रोड स्थित दफ्तर में ताला लगाकर आरोपी भाग गए। इसके बाद सभी निवेशकों को ठगी की जानकारी हुई। पुलिस की जांच में सामने आया कि गोरखपुर के अलावा पूरे प्रदेश में इस कंपनी ने जालसाजी की है। आरोपी हरि सिंह आगरा के कालवारी, अमरपुरा के क्रिया विहार और विनय सिंह कोलकाता के कोलका का रहने वाला है।
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