Gyanvapi Case: औरंगजेब के मंदिर तोड़ने से लेकर ज्ञानवापी के पहले मुकदमे और अब कोर्ट के फैसले तक, जानें सबकुछ

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Gyanvapi Case from demolition kashi vishwanath temle to first trial now courts decision

ज्ञानवापी
– फोटो : अमर उजाला

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वाराणसी के बहुचर्चित ज्ञानवापी परिसर को लेकर शुक्रवार एक अहम फैसला आया। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के दौरान मिली शिवलिंगनुमा आकृति की कार्बन डेटिंग कराई जाए। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी के जिला जज के फैसले को बदला है, जिसमें उन्होंने कार्बन डेटिंग की मांग वाली अर्जी को खारिज कर दिया था।

जस्टिस अरविंद कुमार मिश्रा की पीठ ने एएसआई की रिपोर्ट के आधार पर मिली शिवलिंगनुमा आकृति का साइंटिफिक सर्वे की जांच कराने का आदेश दे दिया। कोर्ट ने भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग से कहा कि शिवलिंग को “बिना खंडित किए वैज्ञानिक जांच करें”। हिंदू पक्ष की महिलाओं की तरफ से दाखिल की गई याचिका में वाराणसी के जिला जज के आदेश को चुनौती दी गई थी।

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर जैन और विष्णु जैन ने वैज्ञानिक विधि, जीआई सर्वे के जरिये भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण की मांग की। पिछले साल मई महीने में कोर्ट कमीशन की कार्यवाही के दौरान मस्जिद के वजूखाने से शिवलिंगनुमा आकृति बरामद हुई थी। मस्जिद के ठीक बगल में काशी विश्वनाथ मंदिर है। दावा है कि इस मस्जिद को औरंगजेब ने एक मंदिर तोड़कर बनवाया था। ऐसे में आइए हम आपको शुरू से लेकर अब तक की इस विवाद की पूरी कहानी बताते हैं।

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