Haldwani: नौ दिन बाद छंटा चिंता का कोहरा, आशियाना बचाने को पल-पल दुआ करते रहे लोग, अब लडेंगे कानूनी लड़ाई

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नौ दिन से हजारों लोगों को घर टूटने की आशंकाओं ने घेरा हुआ था… आगे क्या होगा? सबके सामने एक ही सवाल था। पर गुरुवार को दोपहर में चिंता का कोहरा छंट गया और सुप्रीम कोर्ट से सूचना राहत की किरण बनकर आई।

बनभूलपूरा लाइन नंबर-17 में दुआ कर रहे हजारों लोगों के साथ घरों, दुकानों में मौजूद लोगों के पास स्टे की सूचना मिली तो उनके चेहरे पर कई दिनों बाद सुकून दिखाई दिया। लाइन नंबर-17 में ऐलान हुआ कि आगे की कानूनी लड़ाई के लिए पैनल बनाकर लड़ा जाएगा। इस पैनल में सभी वर्ग, समुदाय के लोगों को शामिल किया जाएगा।

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जब से एक-एक पल और दिन बीत रहा था, लोगों की चिंता और बेचैनी बढ़ती जा रही थी। दुआएं हो रही थी। लाइन-17 में हजारों लोग एकत्र थे और सुबह से लोग दुआ कर रहे थे। सभी की निगाह सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर  लगी थी। जैसे ही स्टे की सूचना आयी लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

स्थानीय लोगों के अनुसार अभी यह पहला पड़ाव है, अभी आगे और विधिवत तरीके से कानूनी लड़ाई और लड़नी है। इसके लिए वह एक पैनल बनाएंगे जो पूरे प्रकरण को देखेगा। इसमें सभी धर्म समुदाय और वर्ग के लोग शामिल किए जाएंगे।

लोगों ने एक-दूसरे को गले लगाकर बधाई दी। मंच पर मौजूद लोगों ने कहा कि इंसानियत आज भी जिंदा है। लोग हैं कि हमदर्दी रखते हैं। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले मतीन सिद्दीकी के आवास के बाहर भी भीड़ एकत्र थी। सूचना आने के बाद उनके भाई जावेद सिद्दीकी समेत अन्य लोगों ने मिष्ठान का वितरण किया। अन्य जगह पर भी मिष्ठान का वितरण किया गया।

मंच से लोगों को सलाह दी गई कि कोई ऐसा कार्य नहीं किया जाए जो कानून के खिलाफ हो। सोशल मीडिया पर पोस्ट को लेकर सावधान रहने को कहा गया है। हर बात का ध्यान रखने को कहा गया। इस दौरान मदरसा इशातुल हक के पि्रंसिपल मुफ्ती मो. जाबिर खां मिस्बाही, मौलाना मुकर्रम, मौलाना मोहम्मद अकरम इस्हाकी, मौलाना अब्दुल वारिस, मौलाना शाहिद रजा समेत अन्य लोग मौजूद थे। 

पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हर संभव कदम उठाये थे। पूरे इलाके को छावनी में बदल दिया गया था। पुलिस की पांच कंपनी पीएसी, विभिन्न थानों की पुलिस, खुफिया विभाग के अधिकारी मौजूद थे। रेलवे ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कड़े इंतजाम किए थे। हल्द्वानी स्टेशन पर भी सुरक्षा बढ़ाई गई थी।

अतिक्रमण हटाने को लेकर कब क्या हुआ – 

– हाईकोर्ट ने 20 दिसंबर को रेलवे की भूमि से अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे। 

– 28 दिसंबर को रेलवे-प्रशासन की टीम पिलरबंदी करने पहुंची तो बनभूलपुरा के हजारों लोगों ने 10 घंटे सड़क पर बैठकर शांतिपूर्ण आंदोलन किया।

– 29 दिसंबर को बनभूलपुरा क्षेत्र की हजारों महिलाओं ने कैंडल मार्च निकाला। 

– 29 दिसंबर को जिला प्रशासन ने पुलिस फोर्स को रोकने के लिए व्यवस्था का जायजा लिया।

– 30 दिसंबर को बनभूलपुरा क्षेत्र में आमसभा हुई। 

– 31 दिसंबर को रेलवे ने अखबारों में अतिक्रमण हटाने का सार्वजनिक नोटिस जारी किया। 

– दो जनवरी को रेलवे ने मुनादी शुरू की। साथ ही 

– दो जनवरी को बनभूलपुरा मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई। 

– तीन से पांच जनवरी तक बनभूलपुरा में दुआओं का दौर चलता रहा। 

– पांच जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने स्टे दे दिया और अगली तिथि सात फरवरी लगा दी। 



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