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वहीं, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सीएम धामी का बयान भी सामने आया है। सीएम धामी ने कहा कि हमने पहले भी कहा है कि यह रेलवे की जमीन है। इस मामले में हम कोर्ट के आदेश के अनुसार आगे बढ़ेंगे।
Haldwani demolition case | We’ve said earlier also it is a railway land. We will proceed as per the court’s order: Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami pic.twitter.com/pyDK07Uqn2
— ANI (@ANI) January 5, 2023
बनभूलपुरा में लाइन नंबर 17 में दो जगहों पर दुआएं चल रही है। एक जगह पर महिलाएं तो दूसरी तरफ पुरुष रब से अपने घरों को बचाने के लिए फरियाद कर रहे हैं। साथी लोगों को उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट से उनके हक में फैसला आएगा। दिन चढ़ने के साथ ही यहां भीड़ बढ़ती जा रही है। दूसरी तरफ मामले में सुनवाई शुरू हो गई है।
हल्द्वानी बनभूलपुरा के रेलवे अतिक्रमण मामले में आज बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। ऐसे में जहां प्रभावित क्षेत्र में देर रात तक दुआओं और तिलावत का सिलसिला चलता रहा, वहीं प्रशासन की नजर भी सुनवाई पर टिकी हुई है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ही प्रशासन आगे की कार्रवाई करेगा। प्रभावितों को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली तो प्रशासन शुक्रवार से युद्धस्तर पर तैयारियां शुरू कर देगा।
बीती 20 दिसंबर को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी में रेलवे भूमि से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। इस पर प्रशासन तैयारियों में जुटा है। इस बीच दो जनवरी को प्रभावितों ने सुप्रीमकोर्ट में याचिका दाखिल की जिस पर पांच जनवरी को सुनवाई होनी है। बुधवार को दिन भर बनभूलपुरा क्षेत्र में जहां दुआओं और नमाज का सिलसिला रहा, वहीं सियासी माहौल भी गर्म रहा।
सपा के प्रतिनिधिमंडल ने प्रभावितों से वार्ता कर उच्चस्तर पर वार्ता का आश्वासन दिया। इस दौरान विभिन्न संगठनों ने बुद्ध पार्क में धरना दिया तो कई संगठनों ने राज्य सरकार व राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर प्रभावित के हक बेहतर कदम उठाने की मांग की। इधर, जिला प्रशासन और पुलिस ऐसे लोगों को चिह्नित कर रही है जो लोगों को अतिक्रमण हटाने के दौरान भड़का सकते हैं। इसे लेकर पुलिस विशेषाधिकार के तहत ऐसे लोगों के मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगा सकती है।
रेलवे अतिक्रमण भूमि की जद में बनभूलपुरा के पांच सरकारी स्कूल आ रहे हैं। इनमें जीजीआईसी, जीआईसी, प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालय बनभूलपुरा और प्राथमिक विद्यालय इंदिरानगर शामिल हैं। दो हजार से अधिक विद्यार्थी इनमें अध्ययनरत हैं। बीईओ हरेंद्र मिश्रा की ओर से इसमें एक पत्र जारी किया है। कहा कि इन स्कूलों की वैकल्पिक व्यवस्था नजदीकी स्कूलों में की गई है। जीजीआईसी बनभूलपुरा को जीजीआईसी हल्द्वानी, जीआईसी बनभूलपुरा को महात्मा गांधी इंटर कॉलेज, प्राथमिक विद्यालय इंदिरानगर को गांधीनगर, प्राथमिक विद्यालय बनभूलपुरा को बरेली रोड, उच्च प्राथमिक विद्यालय बनभूलपुरा को गांधी नगर में संचालित किया जाएगा।
सोशल मीडिया में चर्चित बिहार के पंकज श्रीवास्तव बुधवार को बनभूलपुरा के प्रभावितों से मिलने पहुंचे। उनका कहना है कि बनभूलपुरा की जमीनें यहां रहने वाले लोगों की हैं। रेलवे कभी 29 एकड़ तो कभी 78 एकड़ जमीन पर अपना दावा जता रहा है जबकि लोग आजादी से पहले से यहां बसे हुए हैं। आल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर बनभूलपुरा वासियों को नहीं उजाड़े जाने की मांग की है।
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