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Haldwani Violence
– फोटो : अमर उजाला
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जिस भूमि पर विवाद चल रहा है। उस जमीन पर कई पेच हैं। जमीन किसी और को कृषि कार्य के लिए मिलती है। इसे किसी और को बेचा जाता है। बाद में जमीन अब्दुल मलिक के पिता को उपहार में मिल गई। इसके बाद ये जमीन मलिक के पास आ जाती है।
बनभूलपुरा क्षेत्र में रहने वालों का दावा है कि कॉलोनियल सरकार ने मोहम्मद यासीन को वर्ष 1937 में यह जमीन कृषि के लिए लीज पर दी थी। अब्दुल मलिक और सफिया मलिक इस संपत्ति की देखरेख कर रहे थे। सफिया मलिक के वकील ने नगर निगम के 30 जनवरी को ध्वस्तीकरण संबंधित नोटिस के खिलाफ छह फरवरी को उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
मलिक के वकील अहरार बेग का कहना है कि अख्तरी बेगम ने इसे मलिक के पिता अब्दुल हनीफ खान को 1994 में मौखिक उपहार (हिबा) के रूप में दे दिया था। उन्होंने कहा कि 2006 में उनके याचिकाकर्ता के पिता अब्दुल हनीफ खान ने उन्हें फ्रीहोल्ड अधिकार देने के लिए नैनीताल जिला प्रशासन से संपर्क किया था, लेकिन उन्हें जिला प्रशासन से कोई जवाब नहीं मिला।
उन्होंने 2007 में उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की। अधिकारियों को फ्रीहोल्ड अधिकार देने के लिए अदालत से निर्देश की मांग गई थी। 18 अगस्त 2007 को उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने एक समाधान के लिए नैनीताल कलेक्टर को निर्देश जारी किए थे। उस आदेश के बावजूद फ्रीहोल्ड अधिकारों पर कार्रवाई नहीं की जा सकी।
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