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चालक सुरेश कुमार को कार्यालय के गेट पर विदाई देता स्टाफ।
– फोटो : संवाद
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जिस कार्यालय में 25 साल तक सेवाएं दीं, उसमें कर्मचारियों की सम्मानजनक सेवानिवृत्ति भी नसीब नहीं हो पा रही। बात हो रही है हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर की। 23 दिसंबर को पेपर लीक मामला सामने आने के बाद चयन आयोग भंग हो चुका है। इसके बाद अभी तक चार कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इनमें आयोग के अवर सचिव युद्धवीर सिंह 28 फरवरी को सेवानिवृत्त हुए।
आयोग के अधीक्षक प्रथम श्रेणी प्रीतम चंद 31 मार्च, सहायक रजिस्ट्रार निर्मल कुमार 30 मई 2023 को कार्यालय के बाहर गेट से सेवानिवृत्त हुए तो शुक्रवार को आयोग में 25 वर्ष तक सेवाएं देने वाले वाहन चालक सुरेश कुमार भी सेवानिवृत्त हो गए। सुरेश कुमार को भंग हो चुके कर्मचारी चयन आयोग के गेट पर अन्य कर्मचारियों ने भावुक होकर सेवानिवृत्ति दी। कर्मचारियों को मलाल है कि जिस संस्थान में उन्होंने 20 से 25 वर्ष तक सेवाएं दीं, वहां से सम्मानजनक सेवानिवृत्ति भी नहीं हो पा रही।
कर्मचारियों ने कहा कि कुछ कर्मचारियों की गलती के कारण पूरा आयोग कलंकित हुआ और उसकी सजा ईमानदार कर्मचारियों को भी भुगतनी पड़ रही है। 2 जून 2023 को कर्मचारियों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से मिला था। मुख्यमंत्री ने अधीनस्थ कर्मचारियों को आयोग के लंबित पदोन्नति के मामले शीघ्र निपटाने का आश्वासन भी दिया था लेकिन एक माह के बाद भी कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई जा सकी। कर्मचारियों ने मांग की है कि जनहित में कर्मचारी चयन आयोग को शीघ्र बहाल किया जाए।
कुछ कर्मचारियों की सेवाएं भंग हो चुके चयन आयोग में ली जा रही हैं। शेष कर्मचारी कहां पर हैं, इसकी जानकारी हमारे पास नहीं है। – अनुपम कुमार ठाकुर, ओएसडी, भंग हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग, हमीरपुर।
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