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हाथरस कांड
– फोटो : amar ujala
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हाथरस के बिटिया प्रकरण में कड़ी सुरक्षा के बीच चारों अभियुक्तों को न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने न्यायालय में बहस की। अभी यह बहस पूरी नहीं हो सकी है। कोर्ट ने अब अगली सुनवाई के लिए 12 जनवरी की तिथि नियत की है। बिटिया का भाई भी सीआरपीएफ की सुरक्षा के बीच कोर्ट पहुंचा।
बृहस्पतिवार को पुलिस चारों अभियुक्तों को कड़ी सुरक्षा के बीच अलीगढ़ जेल से लेकर आई और यहां कोर्ट में इनकी पेशी हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से बहस पूरी हो चुकी है। बचाव पक्ष की ओर बहस जारी है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता मुन्ना सिंह पुंढीर ने भी बहस की। अभी उनकी बहस पूरी नहीं हो सकी है। कोर्ट ने अब सुनवाई के लिए 12 जनवरी की तिथि नियत की है।
बिटिया पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता सीमा कुशवाहा, स्थानीय अधिवक्ता महीपाल सिंह निमहोत्रा, सीबीआई के वकील अनुराग मोदी भी कोर्ट में मौजूद थे। इधर, बिटिया का भाई भी सीआरपीएफ की सुरक्षा के मध्य कोर्ट में आया। कोर्ट परिसर में काफी सुरक्षा रही।
14 सितंबर 2020 को चंदपा क्षेत्र के एक गांव में अनुसूचित जाति की युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर उसकी हत्या का प्रयास किया गया था। युवती ने कुछ दिन बाद दिल्ली के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया था। इस मामले में युवती के गांव के ही चार युवकों को नामजद किया गया था। इस युवती की मौत से पहले ही चारों नामजदों संदीप, रामू, रवि और लवकुश को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। यह चारों अभियुक्त तभी से अलीगढ़ जेल में निरुद्ध हैं।
यह मामला काफी सुर्खियों में रहा था। सरकार विपक्ष के निशाने पर रही थी। इस मामले में सीबीआई ने जांच की थी और चारों अभियुक्तों के विरुद्ध आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल किया था। मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश (एससी-एसटी एक्ट) के न्यायालय में चल रही है।
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