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अदालत का फैसला
– फोटो : सोशल मीडिया
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हाथरस की विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) चित्रा शर्मा के न्यायालय ने 16 वर्षीय किशोरी से दुष्कर्म के आरोपी को दोषी करार देते हुए दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने दोषी पर अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड न देने पर दोषी को अतिरिक्त कारावास भोगना होगा।
अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करने वाले एडीजीसी मुकेश कुमार चौधरी ने बताया कि थाना हाथरस जंक्शन क्षेत्र के एक गांव के निवासी एक व्यक्ति ने थाने में तहरीर दी थी। तहरीर में कहा था कि उनकी 16 वर्षीय पुत्री 24 मार्च 2018 को गांव से लाड़पुर दवा लेने जा रही थी। जैसे ही पुत्री पुरा रेलवे फाटक पर दोपहर करीब एक बजे पहुंची। रेलवे फाटक पर एक युवक उनकी पुत्री को मिला। उसने पुत्री से कहा कि वह उसे अपनी मोटरसाइकिल पर लाड़पुर छोड़ देगा। लाड़पुर में एक अज्ञात व्यक्ति को इस युवक ने मोटरसाइकिल पर बैठा लिया और इन दोनों लोगों ने रुमाल सुंघाकर उनकी पुत्री को अचेत कर दिया, लेकिन उनकी पुत्री को थोड़ा-थोड़ा होश था।
वहां से दोनों लोग उसे राया ले गए। युवक ने अपनी मोटरसाइकिल और उस व्यक्ति को राया छोड़ दिया और खुद यमुना एक्सप्रेस से पुत्री को बस में नोएडा होते हुए दिल्ली में अपनी रिश्तेदारी में ले गया। वहां पुत्री को बंधक बनाकर रखा और उसके साथ दुष्कर्म किया। वह पुत्री को दिल्ली से 27 मार्च 2018 को पुलिस की मदद से बरामद कर अपने गांव बुला लाए। इस मामले में मुकदमा दर्ज हुआ।
विवेचक ने विवेचना करते हुए न्यायालय में आरोपी दीपक के विरुद्ध आरोपपत्र दाखिल कर दिया। इस मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) चित्रा शर्मा के न्यायालय में हुई। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत आरोपी युवक को दोषी करार देते हुए 10 साल कैद की सजा सुनाई है। न्यायालय ने दोषी पर अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड न देने पर दोषी को अतिरिक्त कारावास भोगना होगा। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी एडीजीसी मुकेश कुमार चौधरी ने की।
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