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खादी
– फोटो : अमर उजाला
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निकाय चुनाव में खादी की बिक्री भी जोर पकड़ रही है। नेताजी और उनके साथ चुनाव प्रचार करने वाले खादी के बने कपड़े पहनकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। युवाओं को भी खादी लुभा रही है। वहीं, खादी ग्रामोद्योग बोर्ड ने भी दस फीसदी की छूट दे दी है। ऐसे मेंं बिक्री भी बढ़ गई है।
जिले में वर्तमान में खादी ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा तीन दुकानें संचालित हैं। जिसमें एक हाथरस, दूसरी सासनी व तीसरी सिकंदराराऊ में है। बोर्ड के अधिकारियों के द्वारा बाजार से कच्चा माल खरीदा जाता है। मेंडू, सिकंदाराराऊ आदि इलाकों में सूत की कताई का काम होता है। उसके बाद अलीगढ़ कपड़ा तैयार होने के लिए जाता है। इसलिए करीब पांच सौ लोगों को रोजगार मिल रहा है।
नगर निकाय चुनाव में खादी की बिक्री बढ़ गई है। युवा भी खादी के कपड़े पसंद कर रहे हैं। खादी ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा खरीद पर दस प्रतिशत की छूट प्रदान की गई है। यह छूट अप्रैल से सितंबर तक चलेगी। 150 रुपये से लेकर साढ़े पांच हजार रुपये तक खादी का कपड़ा दुकानों पर उपलब्ध हैं।
हर बार मार्च में खादी पर छूट खत्म हो जाती थी। इस बार निकाय चुनाव को देखते हुए अप्रैल से सितंबर तक खादी पर दस प्रतिशत की छूट दी गई है। चुनाव में खादी के कपड़े की बिक्री बढ़ी है। युवाओं के द्वारा रंगीन खादी कपड़ा अधिक पसंद किया जा रहा है। -महेंद्र कुमार शर्मा, विक्रेता।
खादी एक कपड़ा नहीं है। खादी एक औषधि है। खादी पहनने से त्वचा रोग भी कम होते हैं। पहले बुजुर्ग खादी पहनते थे। अब पहले से खादी कपड़े में बहुत बदलाव आया है। अब नया लुक दिया जा रहा है। इसलिए खादी खरीदने के लिए आए हैं। साढ़े चार सौ रुपये मीटर का खादी कपड़ा खरीदा है। -रविकांत दीक्षित, ग्राहक।
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